प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में प्रगति मैदान को 2,254 करोड़ रुपये की लागत देने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय प्रगति मैदान को एक विश्वस्तरीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए लिया गया है।
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और ऑयल इंडिया से वापस ली गई 69 छोटी और सीमांत तेल एवं गैस फील्ड्स की नीलामी कर उन्हें एक नए राजस्व हिस्सेदारी मॉडल के तहत ऐसी निजी कंपनियों को देगी जो पूर्ण विपणन व मूल्य निर्धारण स्वतंत्रता की पेशकश करेंगी।
वित्त मंत्रालय ने पेट्रोलियम मंत्रालय के उस प्रस्ताव का वापस कर दिया है जिसमें उसने ओएनजीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों द्वारा कठिन क्षेत्रों से निकाली गई प्राकृतिक गैस के कुछ हिस्से को बाजार मूल्य पर बेचने की अनुमति देने की सिफारिश की थी। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को फिर से भेजा है। इस घटनाक्रम से जुड़े एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि वित्त मंत्री ने प्रस्ताव पर कुछ टिप्पणी कर इसे बिना मंजूरी के वापस कर दिया है।