भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सत्ता छोड़ने के लिए बाध्य हुईं अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता करीब आठ महीने बाद पांचवीं बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ लेंगी। उनके साथ 28 मंत्री भी शपथ लेंगे।
चहूं ओर मोदी हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर तरफ नजर आ रहे हैं। पिछले एक साल में जितनी भी योजनाएं शुरू की गईं, वे सब उन्होंने शुरू कीं। देश-विदेश में रणनीति-कूटनीति उनके कंधों पर ही है। सोशल मीडिया में इस देश के वास्कोडीगामा कहे जाने वाले इस प्रधानमंत्री ने एक साल के भीतर 18 देशों की यात्रा कर ली। यहां तक कि जब उनकी सरकार का एक साल पूरा हो रहा है तब भी वह विदेशी जमीन पर नए श्रोताओं से मुखातिब हो रहे हैं। उनके समर्थक इसे नई गतिशील कूटनीति बताते हैं तो आलोचक इसे देश की समस्याओं से मुंह मोडऩा कहते हैं।
बड़ी-बड़ी उम्मीदों और वादों के साथ केंद्र की सत्ता में आई नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अपना एक साल पूरा करने जा रही है। इस मौके पर सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस एक साल के दौरान अपने वादों और नारों पर खरे उतर पाए? इस एक साल में उनका रिपोर्ट कार्ड कैसा रहा? अगर आर्थिक नजरिये से देखा जाए तो मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड बी ग्रेड का कहा जाएगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक बार फिर मदर टेरिसा के सेवा भाव को ईसाई धर्म परिवर्तन से जोड़ कर राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मदर टेरिसा पर सीधा हमला करते हुए कहा कि अगर सेवा के नाम पर धर्मपरिवर्तन किया जाएग, तो सेवा भाव का मान गिर जाता है।
विश्व पुस्तक मेले में इस बार हिंदी लेखकों की आमद ने पाठकों को भी पछाड़ दिया है। देश के कोने-कोने से पधारे लेखकों को देख कर लगता है कि हिंदी साहित्य की परंपरा बहुत समृद्ध हो रही है। किताबों की संख्या बढ़ रही है क्योंकि एक-एक लेखक साल भर में कम से कम पांच किताबें लिखने का माद्दा रखता है।