Advertisement

Search Result : "सोशल नेटवर्क अकाउंट्स"

‘गाय दो लत्ती मारकर निकल गई’

‘गाय दो लत्ती मारकर निकल गई’

बिहार विधानसभा चुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि जिन मुद्दों को चुनावी मुद्दा बनाया जा रहा था वे जनता को स्वीकार नहीं। चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार और महागठबंधन की शानदार जीत बताती है कि मतदाता ने तय करके भाजपा को हराया है। बिहार चुनावों से संबंधित कुछ सुर्खियां जो दो बीते डेढ़ दिन से सोशल मीडिया पर तैर रही हैं।
‘खेर के मार्च को दादरी कांड-कुलबर्गी की हत्या के समर्थन में माना जाए?’

‘खेर के मार्च को दादरी कांड-कुलबर्गी की हत्या के समर्थन में माना जाए?’

देश में बढ़ रही असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने वाले फिल्मकारों और साहित्यकारों के खिलाफ फिल्म अभिनेता और भाजपा समर्थक अनुपम खेर आज राष्ट्रपति भवन तक मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर हैशटैग ‪#‎MarchForIndia टॉप ट्रेंड कर रहा है। खेर का कहना है कि पुरस्कार लौटाने वालों ने न केवल सरकार का बल्कि दर्शकों और ज्यूरी का भी अपमान किया है। खेर के साथ फिल्म जगत की कई और हस्तियां और साहित्यकार भी मार्च में हिस्सा लेंगे। सोशल मीडिया पर अनुपम खेर समेत इन फिल्मकारों और साहित्यकारों के बारे में कुछ ऐसा लिखा गया-
गुटबाजी में हार बैठे 'इज्जत’ की बाजी

गुटबाजी में हार बैठे 'इज्जत’ की बाजी

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय मैच के बाद से ही सोशल मीडिया पर यह चर्चा जोर-शोर से चलने लगी, 'अरे भाई, धोनी के साथ नहीं खेलना है तो साफ मना कर दो, मैदान पर इस तरह खेलकर क्यों टीम की लुटिया डूबा रहे हो?’
इन छह चीजों ने तय की बिहार चुनाव की तस्‍वीर

इन छह चीजों ने तय की बिहार चुनाव की तस्‍वीर

चुनाव अपने यहां सचमुच उत्सव हैं। चुनाव लड़ने-लड़ाने वालों को छोड़कर सभी इसको इंज्वॉय करते हैं। और बिहार चुनाव तो उत्सवों के समय ही होते रहे हैं। बिहार का आदमी थोड़ा हटकर होता है। उसे अमेरिकी चुनाव की भी अंदरुनी जानकारी होती है तो यह कैसे कह सकते हैं कि बिहार में हो रहे चुनाव के अंदर की खबरें उसके पास नहीं होंगी।
जुकरबर्ग के इन जवाबों में मिली फेसबुक के भविष्‍य की झलक

जुकरबर्ग के इन जवाबों में मिली फेसबुक के भविष्‍य की झलक

दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के संस्‍थापक मार्क जुकरबर्ग आज आईआईटी-दिल्‍ली के छात्रों से रूबरू हुए। इस दौरान आयोजित एक गोष्‍ठी में उन्‍होंने देश भर से पूछे गए सवालों के जवाब दिए। जुकरबर्ग की इन बातों में इंटरनेट और सोशल मीडिया को लेकर फेसबुक की भावी रणनीति की झलक देखी जा सकती है। जानिए, इस बार भारत को क्‍या बताकर गए जुकरबर्ग
अब कन्नड़ फिल्मकार-लेखिका को दी गई धमकी

अब कन्नड़ फिल्मकार-लेखिका को दी गई धमकी

देश में बढ़ती असहिष्णुता के मुद्दे पर जारी विरोध-प्रदर्शनों के बीच एक महिला कन्नड़ फिल्मकार एवं लेखिका को सोशल मीडिया पर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दिए जाने की खबर है।
गो-तस्करी अफवाह के पीछे पूरा नेटवर्क

गो-तस्करी अफवाह के पीछे पूरा नेटवर्क

दादरी में गोमांस की अफवाह के चलते अभी मोहम्मद अखलाक की हत्या पर मुस्लिम समुदाय का गुस्सा ठंडा भी नहीं हुआ था कि गो तस्करी की अफवाह के चलते हिमाचल में नोमान नामक एक युवक को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला। बिना किसी जानकारी के कि नोमान कहां से आया है, कौन है, जानवर कहां ले जा रहा है, क्यों ले जा रहा है, ढाई-तीन सौ गांववासियों की भीड़ ने बुरी तरह से पीटा। अहम बात यह है कि जिस प्रकार से नोमान मारा गया उसके पीछे सोच-समझ कर एक नेटवर्क ने काम किया।
नेपाल में नए संविधान को लेकर हो रहे बवाल से भारत भी असंतुष्ट

नेपाल में नए संविधान को लेकर हो रहे बवाल से भारत भी असंतुष्ट

भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत-नेपाल के रिश्तों में जो तल्खी आई है उसे एक बुरे सपने की तरह भूल जाना चाहिए। उपाध्याय के मुताबिक दोनों देशों के बीच जिस प्रकार के करीबी रिश्ते हैं उसकी तुलना किसी भी दूसरे देश के साथ नहीं की जा सकती। लेकिन इसके उलट नेपाल में नए संविधान का विरोध कर रहे सोशल रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष रामबाबू राय कहते हैं कि रिश्ते खराब करने की शुरूआत किसने की है, इस ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
चेहरे नहीं अभिव्यक्ति पर कालिख

चेहरे नहीं अभिव्यक्ति पर कालिख

देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री और बाबरी मस्जिद के खिलाफ उग्र राष्ट्रव्यापी मंदिर आंदोलन चलाने वाले लालकृष्ण आडवाणी का मानना है कि देश में असहिष्णुता का माहौल बढ़ रहा है। यह लोकतंत्र की भावना के विपरीत है। इस टिप्पणी का संदर्भ भी कम दिलचस्प नहीं है।
प्रकृति करगेती की कहानी: ठहरे हुए से लोग

प्रकृति करगेती की कहानी: ठहरे हुए से लोग

प्रकृति करगेती की यह पहली कहानी है। इसी कहानी पर उन्हें प्रतिष्ठित राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान मिला है। दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक प्रकृति मुंबई में नेटवर्क 18में प्रोमो प्रोड्यूसर के पद पर काम करती हैं। कहानी लिखने से पहले प्रकृति कविताएं लिखती रही हैं। पहाड़ों के नाम लिखी गई उनकी कविताएं कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement