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आपका आज का भविष्यफल

आपका आज का भविष्यफल

‘वैदिक सूर्य राशि - दैनिक भविष्य, बृहस्पतिवार, 14 जुलाई 2016’ (भविष्य जन्मतिथि के अनुसार)
कॉमन सिविल कोडः अनुचित तरीके से तलाक पर हो 10 साल की सजा

कॉमन सिविल कोडः अनुचित तरीके से तलाक पर हो 10 साल की सजा

यह समझना कि कॉमन सिविल कोड आ जाएगा तो क्या मुस्लिम औरतों में सुधार आ जाएगा, यह गलत बात है। अभी औरतों की स्थिति बहुत दूभर है, सिर्फ मुस्लिम औरतों की ही नहीं, हिंदुस्तान की ज्यादातर औरतों के साथ मर्द का जो व्यवहार है, बहुत अच्छा नहीं है, तो इसके लिए तो मर्द की सोच बदलने की जरूरत है। यदि कॉमन सिविल कोड आ गया, कानून आ गया, सब कुछ आ गया, लेकिन मर्द की जो गंदी सोच है, उसको भी तो बदलना पड़ेगा, उसकी जहनियत को बदलना पड़ेगा।
आपका आज का भविष्यफल

आपका आज का भविष्यफल

‘वैदिक सूर्य राशि - दैनिक भविष्य, मंगलवार, 5 जुलाई 2016’ (भविष्य जन्मतिथि के अनुसार)
30 साल का इंतजार आज खत्म, वायुसेना में शामिल होगा तेजस

30 साल का इंतजार आज खत्म, वायुसेना में शामिल होगा तेजस

भारतीयों ने इस क्षण का लंबे समय तक इंतजार किया है। सेनाओं के स्वदेशीकरण में इसे मील का पत्‍थर कहा जा सकता है। भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा विकसित हल्का और कई तरह की भूमिकाएं निभाने में सक्षम लड़ाकू विमान तेजस आज भारतीय वायसेना में शामिल किया जाएगा।
आज कैसा रहेगा आपका दिन

आज कैसा रहेगा आपका दिन

वैदिक सूर्य राशि - दैनिक भविष्य डॉ. अजय भाम्बी बृहस्पतिवार, 24 जून 2016’ (भविष्य जन्मतिथि के अनुसार)
बिहार में हत्याओं का दौर जारी, पत्रकार के बाद जीआरपी जवान की हत्या

बिहार में हत्याओं का दौर जारी, पत्रकार के बाद जीआरपी जवान की हत्या

बिहार के बक्सर रेलवे स्टेशन से कुछ पहले ट्रेन नंबर 63240 डीएमयू सवारी गाड़ी में शुक्रवार की रात सशस्त्र अपराधियों ने एक जीआरपी जवान की गोली मारकर हत्या कर दी तथा एक अन्य जवान को घायल कर दो इंसास राइफल लुट लीं और फरार हो गए। रेल पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र मिश्रा ने बताया कि मृतक जीआरपी जवान का नाम अभिषेक सिंह है जो कि पडोसी राज्य उत्तर प्रदेश के नराही के निवासी थे।
मिसिंग पर्सन पुस्तक हिंदी में

मिसिंग पर्सन पुस्तक हिंदी में

हर व्यक्ति का अपना एक अतीत होता है। बल्कि कहना गलत न होगा कि हमारा वर्तमान हमारे अतीत की नींव पर टिका होता है। ऐसे में अगर हमारे भीतर से अतीत विस्मृत हो जाए तो हमारा पूरा वजूद डावांडोल होने लगता है। हम अपनी पहचान के संकट से आक्रांत हो उठते हैं। ऐसे में किसी संवेदनशील व्यक्ति का अपने अतीत की तहों में उतरकर स्मृतियों के रेशे तलाशना स्वाभाविक है।
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