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देवीशंकर अवस्थी सम्मान युवा आलोचक जीतेंद्र गुप्ता को

देवीशंकर अवस्थी सम्मान युवा आलोचक जीतेंद्र गुप्ता को

बीसवां देवीशंकर अवस्थी सम्मान युवा आलोचक जीतेंद्र गुप्ता को उनकी पुस्तक ‘भारतीय इतिहासबोध का संघर्ष और हिंदी प्रदेश’ के लिए प्रतिष्ठित लेखिका कृष्णा सोबती द्वारा 5 अप्रैल 2015 को रवींद्र भवन में साहित्य जगत की जानी-मानी हस्तियों की मौजूदगी में प्रदान किया गया।
विराट और अनुष्का का सम्मान करें: युवराज

विराट और अनुष्का का सम्मान करें: युवराज

भारतीय टीम से बाहर चल रहे आलराउंडर युवराज सिंह ने क्रिकेट प्रशंसकों से अपील की है कि वे टेस्ट कप्तान विराट कोहली और उनकी अभिनेत्री महिला मित्र अनुष्का शर्मा की निजी जिंदगी का सम्मान करें।
कैसे मिलते हैं पुरस्कार?

कैसे मिलते हैं पुरस्कार?

दुनियाभर में सत्ता प्रतिष्ठानों की तरफ से दिए जाने वाले पुरस्कार हमेशा विवादों में रहे हैं। केंद्र में इस बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद पहली बार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिये गए हैं। अगर पुरस्कार पाने वालों की फेहरिस्त पर नजर डाली जाए तो ऐसा लगता है कि अपने लोगों को उपकृत करने में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से भी आगे चली गई है। इस बार भाजपा सरकार ने अपनी ही पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को भारत रत्न दिया तो वाजपेई सरकार में उप प्रधानमंत्री रहे पार्टी नेता लाल कृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण दे डाला। इसी तरह नजर डालें तो पुरस्कार पाने वालों में ज्यादातर भाजपा के करीबी पत्रकार, कलाकार, वैज्ञानिक और नेता हैं।
शशि कपूर को दादा साहब फाल्के सम्मान

शशि कपूर को दादा साहब फाल्के सम्मान

बीते जमाने के अभिनेता शशि कपूर को दादा साहब फाल्के सम्मान मिलना उनके काम को सम्मान मिलना है। उन्होंने रोमांटिक भूमिकाएं जिस सहजता से निभाईं उसी कुशलता से वह परदे पर अपने गुस्से का इजहार भी करते थे।
संसद में स्मृति के सम्मान में शरद

संसद में स्मृति के सम्मान में शरद

राज्यसभा में आज जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ पूर्व में की गयी अपनी टिप्पणी को लेकर उठे विवाद पर विराम लगाने के प्रयासों के तहत कहा कि वह उनका बहुत सम्मान करते हैं और ऐसा कहने का उनका कोई आशय नहीं था।
हिंदी व्रत और उर्दू रोजा वालों की हो गई

हिंदी व्रत और उर्दू रोजा वालों की हो गई

हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शायर और फिल्म लेखक जावेद अख्तर ने श्रोताओं से रूबरू होते हुए कई राज जाहिर किए। उन्होंने बताया कि उन्होंने 1976 तक उन्होंने शायरी शुरू नहीं की थी। उस वक्त वह 31 वर्ष के थे, जबकि इस उम्र में लोग शायरी कर चुके होते हैं। 12 वर्ष की उम्र तक उन्हें सैकड़ों और 15 वर्ष की उम्र तक उन्हें लाख से ज्यादा शेयर याद थे। वह अपने को खुशकिस्मत मानते हैं क्योंकि लखनऊ में अपने ननिहाल में उन्हें अपने मामा मजाज साहब समेत उस दौर के तमाम नामी शायरों का साथ मिला, जिनके साथ वह बच्चों की तरह रहे।
मोदी को विदेश में याद आया हिंदी साहित्य

मोदी को विदेश में याद आया हिंदी साहित्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिन्दी साहित्य को समृद्ध बनाने में योगदान के लिए आज मॉरीशस की सराहना की और कहा कि इस भाषा ने विश्व में एक विशेष स्थान हासिल कर लिया है।
हिंदी समाज को अच्छी तरह समझते थे विनोद मेहता

हिंदी समाज को अच्छी तरह समझते थे विनोद मेहता

विनोद मेहता की कई बातें जो उन्हें अन्य संपादकों से अलग करती थीं, उनमें सबसे बड़ी यह है कि वे लोकतंत्र में सिर्फ यकीन ही नहीं करते थे, उसे पत्रकारिता में भी पूरी तरह अपनाया हुआ था। संपादक के नाम पत्र कॉलम में अपने खिलाफ लिखी चिट्ठियों को भी वे जिस तरह तवज्जो देते थे, उसकी मिसाल शायद ही अन्यत्र मिले।
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