अरूणाचल प्रदेश में असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने आज पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी को पार्टी विधायक दल के नेता पद से हटाने की मांग की ताकि पार्टी की सरकार बनी रह सके। इस के साथ ही विद्रोही विधायकों ने भाजपा नीत गठबंधन को समर्थन देने की संभावना से भी इंकार किया है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पांच साल से युद्ध से गुजर रहे सीरिया में सरकार और विद्रोहियों के बीच बातचीत के जरिये शांति प्रक्रिया का अनुमोदन करने वाले एक प्रस्ताव को सर्वसम्मति के साथ स्वीकार कर लिया है। लेकिन यह मसौदा सीरिया में राजनीतिक हस्तांतरण में राष्ट्रपति बशर असद की भूमिका पर कुछ नहीं कहता।
संघर्ष का नाम जनकवि रमाशंकर 'विद्रोही' नहीं रहे। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पिछले दो दशकों में आने वाले हजारों छात्र उनकी कविता सुनकर संघर्ष करना सीखे होंगे। 'आसमान में धान बोने वाला' ये निर्भीक कवि संघर्ष करते हुए ही मरा। सोशल मीडिया पर विद्रोही की कविताओं का उत्सव सा जारी है। आंदोलनों में उनकी कविताएं गूंजती रहती हैं लेकिन उनकी चर्चित कविताओं में ‘जब भी किसी गरीब आदमी का अपमान करती है, ये तुम्हारी दुनिया, तो मेरा जी करता है, कि मैं इस दुनिया को उठाकर पटक दूं।’, ‘मैं भी मरूंगा और भारत के भाग्य विधाता भी मरेंगे लेकिन मैं चाहता हूं कि पहले जन-गण-मन अधिनायक मरें, फिर भारत भाग्य विधाता मरें ’, ‘आज तो चाहे कोई विक्टोरिया छाप काजल लगाए या साध्वी ऋतंभरा छाप अंजन लेकिन असली गाय के घी का सुरमा, तो नूर मियां ही बनाते थे...’ , ‘मैं किसान हूं आसमान में धान बो रहा हूं, कुछ लोग कह रहे हैं कि पगले, आसमान में धान नहीं जमा करता, मैं कहता हूं पगले, अगर जमीन पर भगवान जम सकता है तो आसमान में धान भी जम सकता है।..’ सोशल मीडिया पर इस जनकवि को श्रद्धांजलि देने वालों का सैलाब है-
तमिल विद्रोहियों के साथ युद्ध के आखिरी चरण के दौरान श्रीलंकाई सेना के युद्ध अपराधों को अंजाम देने के आरोपों को विश्वसनीय बताते हुए एक सरकारी जांच आयोग ने घरेलू जांच में विदेशी न्यायाधीशों की भूमिका से जुड़ी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की सिफारिश का समर्थन किया।
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के समर्थन में बोलने वाले पटियाला से आप के सांसद धर्मवीर गांधी ने पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर अपने खिलाफ चलाए जा रहे निंदा अभियान की शिकायत की है।
देश के राजनीतिक इतिहास में ऐसी घटनायें कम ही सुनने को मिलती हैं कि एक गीत किसी सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दे और सरकार को उस गीत और गीतकार के खिलाफ पूरी ताकत झोंकनी पड़ी हो। और आख़िरकार वह गीत ही सरकार का विदाई गीत बन गया हो।