आमतौर पर जन आंदोलनों की तरफ ध्यान तभी जाता है जब कोई बड़ी हस्ती शामिल हो या कहीं हिंसा भड़क जाए। लेकिन पिछले दो हफ्ते से राजस्थान के शेखावाटी में फैला किसान आंदोलन न सिर्फ शांतिपूर्ण है बल्कि अपने मुद्दों और मकसद पर कायम भी है।
हाल ही में एक ओर जहां भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर हैं तो वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह भी सरेराह अपनी एक ऐसी हरकत के कारण इंटरनेट यूजर्स का शिकार हो रहे हैं।
मध्य प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान दो भाजपा नेताओं की आपस में जमकर बहस हुई। दिलचस्प बात यह है कि यह वाकया भी तब हुआ जब 'सबका साथ, सबका विकास' कार्यक्रम में दोनों नेता शिरकत करने पहुंचे थे।
मध्य प्रदेश में जारी आंदोलन के बीच एक ओर जहां सीएम शिवराज सिंह चौहान राज्य में शांति बहाली के लिए अनशन पर बैठे हैं। तो वहीं, दूसरी ओर कृषि मंत्री गौरी शंकर बिसेन का कहना है कि वह किसानों के कर्ज माफी के पक्ष में नहीं हैं। प्रदेश में किसान कर्ज माफी को लेकर पिछले कई दिनों से हिंसक आंदोलन जारी है।
उड़ीसा के भुवनेश्वर में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के काफिले पर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओँ ने अंडे फेंके तथा काले झंडे दिखाए। प्रदर्शनकारी मंदसौर गोलीकांड में छह किसानों की मौत से नाराज होकर कृषि मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने उतरे थे। पुलिस ने यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी कर लिया।
फसलों के उचित दाम और कर्ज माफी जैसे मुद्दों को लेकर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किसान आंदोलन उग्र होता जा रहा है। आंदोलन में फूट डालने की भाजपा सरकार की कोशिशें बेअसर होती दिख रही हैं।
वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि सरकार का कृषि आय पर किसी तरह का कर लगाने का इरादा नहीं है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को एक बयान में कहा कि मैंने नीति आयोग की रिपोर्ट पढ़ी, जिसमें कृषि आय पर कर लगाने की बात कही गई है। इस पर किसी तरह का भ्रम पैदा हो इससे पहले मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार का कृषि आय पर किसी तरह का कर लगाने का कोई इरादा नहीं है। जेटली ने कहा कि संविधान में प्रदत्त शक्तियों के आधार पर सरकार के पास कृषि आय पर कर लगाने का कोई अधिकार नहीं हैं।
जंतर-मंतर पर तमिलनाडु के किसानों का धरना-प्रदर्शन अपने अनूठे तौर-तरीकों को लेकर चर्चाओं में रहा। पढ़िए, इस आंदोलन को किस नजरिये से देखते हैं मध्य प्रदेश के युवा किसान नेता केदार सिरोही