 
 
                                    ‘सफल होने की होड़ और बाजारवाद चिंता का विषय’
										    लोगों में आज सफल होने की होड़ तेजी से बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए जानी मानी लेखिका अलका सरावगी ने कहा कि आज बाजार सबके लिए मूल्यबोध के पैमाने बनने के साथ साधन एवं साध्य बन गया है और ऐसे में लेखकों की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है।										
                                                                                
                                     
                                                 
  
  
  
  
			 
                     
                    