उद्योग जगत ने भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार जाकर आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के कदम का पूरा समर्थन करते हुए आज कहा कि यह कड़ी कार्रवाई का समय है।
नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर सेना के लक्षित हमले के आलोक में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक कर बड़े राजनीतिक दलों के नेताओं को स्थिति के बारे में बताया। वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर इस संबंध में उनसे चर्चा की।
जम्मू कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के फलस्वरुप दिल्ली में आगामी नवंबर में होने वाले इंडिया इंटरनैशनल ट्रेड फेयर में पाकिस्तान के भाग लेने पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन के सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बाद यह पाक के भाग लेेने का मसला काफी 'संवेदनशील' हो गया है। इस बारे में किसी अहम फैसले का इंतजार किया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने आज गैरशिक्षण पृष्ठभूमि के एक व्यक्ति की प्रतिष्ठित अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति के रूप में नियुक्ति पर सवाल खड़ा किया। कुलपति के पद पर पूर्व सैन्य अधिकारी जमीरउद्दीन शाह की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह सवाल उठाया।
लोक प्रसारक प्रसार भारती कल आकाशवाणी की बलूची सेवा के लिए वेबसाइट और मोबाइल ऐप की शुरूआत करेगी जिसके माध्यम से दुनियाभर में इस भाषा को बोलने वालों तक पहुंच बनाई जा सकेगी।
बलूच कार्यकर्ताओं के एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा मानवता के खिलाफ किए जा रहे अपराधों को रेखांकित करते हुए आजादी की मांग की।
कश्मीर घाटी में जारी उथल-पुथल के बीच भारतीय थलसेना ने अपनी एक पूरी ब्रिगेड ही दक्षिण कश्मीर में भेज दी है। आतंकवादियों के सफाये और प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन काम डाउन के तहत थलसेना ने यह ब्रिगेड भेजी है।
बलूचिस्तान के एक शीर्ष नेता ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सुरक्षाबल बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का भीषण उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने बलूच राष्ट्रवादी आंदोलन में भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की मांग भी की है।
देश की सबसे बड़ी ऑडिट एजेंसी, कैग ने अपनी रिपोर्ट मेंं खुलासा किया हैै कि सरहदों में देश की रक्षा में तैनात सैनिको को उच्च स्तर का खाना नहीं मिलता। रिपोर्ट के अनुसार चीन की पाक सीमा पर तैनात जवानों को ना तो ताजा खाना मिलता है और ना ही खाना उनकी आवश्यकता के अनुसार मिलता है। इस रिपोर्ट को मौजूदा संसद के मानसून सत्र में पेश किया गया है। रिपोर्ट में सेना के विभिन्न विभागोंं के बीच में तालमेल की कमी और रक्षा मंत्रालय की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए हैं।