ओबामा ने कहा, अगर मैं कहूं कि इसे लेकर मुझे कभी चिंता नहीं होगी, तो यह झूठ होगा। क्योंकि बच्चे तो आपके लिए बच्चे ही होते हैं। और अगर मौका मिले तो आप उनकी बाकी की जिंदगी में उन्हें आराम दायक तरीके से रखना चाहेंगे। लेकिन यदि वे सेना में अपनी सेवाएं देती हैं तो मुझेे गर्व होगा और मुझेे लगता है कि जो भी माता-पिता अपने बच्चों को सेना में जाते देखते हैं, उन्हें गर्व होता है।
ओबामा दरअसल इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि यदि मालिया और साशा सेना में जाने में दिलचस्पी दिखाती हैं, तो वह उन्हें क्या सलाह देंगे?
ओबामा ने जवाब में कहा, मैं कहूंगा...जाओ। उन्होंने कहा, जब मैं 18 साल का था, तो मैंने सलेक्टिव सर्विस के लिए आवेदन किया था। तब वियतनाम युद्ध समाप्त हुआ ही था। तब कोई सक्रिय युद्ध नहीं चल रहा था। हमपर कोई हमला भी नहीं हुआ था। इसलिए मैंने दूसरा रास्ता चुन लिया और मैं हमारी सेना की सेवा नहीं कर सका।
ओबामा ने कहा कि व्हाइट हाउस में उनके कर्मचारियों में कई लोग एेसे हैं, जो खुद भी सेना में रहे हैं और अब उनके बच्चे भी सेना में हैं।
वर्जीनिया में फोर्ट ली टाउन हाॅल में ओबामा ने कहा, शुरूआत में वे इसे लेकर घबराए हुए थे और अब वे देख रहे हैं कि किस तरह से उनके बच्चों के व्यक्तित्व का निर्माण हो रहा है। यह शानदार है। भाषा एजेंसी