छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात सीआरपीएफ के जवानों को लेकर कई चिंताजनक बातें सामने आ रही हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा में लंबे समय से तैनात सीआरपीएफ के जवानों में थकावट के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में लगभग एक हजार वर्ष पुरानी भगवान गणेश की प्रतिमा को पहाड़ी से गिराकर खंडित कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक इस घटना में नक्सलियों का हाथ हो सकता है।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा के लिए इन दिनों लगभग 34 गांवों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। यहां रथ खींचने का अधिकार केवल किलेपाल के माड़िया लोगों को ही है। रथ खींचने के लिए जाति का कोई बंधन नहीं है। हर गांव से परिवार के एक सदस्य को रथ खींचना ही पड़ता है। इसकी अवहेलना करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए जुर्माना लगाया जाता है।
‘ एक आदमी के लिए सात किलो चावल और दो किलो चना, क्या इससे गरीबी दूर होती है?’ कोंडागांव के नगरी संभाग के गांव उमर का सुखदेव यह सवाल करते हुए रुआंसा हो जाता है। उसकी पत्नी और तीन बच्चे खेत में मजदूरी करने गए हैं। सौ रुपये दिहाड़ी मिलती है और जंगल से मिलने वाली साग-भाजी तो अब पहले जैसी नहीं रही। सुखदेव का कहना है कि वह अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता है। लेकिन सरकार ने सिर्फ साइकिल देकर अपनी जिम्मेदारी खत्म कर दी। उसकी छोटी बेटी नौवीं कक्षा में दो बार फेल हो गई थी तो स्कूल वालों ने तीसरी बार एडमिशन देने से इनकार कर दिया।
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सरकारी समर्थन से आदिवासियों का हथियारबंद संघर्ष ‘सलवा जूडूम’ भले ही सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद बंद हो गया हो मगर इस अभियान की परिकल्पना और शुरुआत करने वाले कांग्रेसी नेता दिवंगत महेंद्र कर्मा के बेटे छबिंद्र कर्मा इस अभियान को फिर शुरू करने की तैयारी में हैं।