नेपाल में आंदोलनरत मधेसी समूह ने प्रधानमंत्री प्रचंड को बुधवार को अंतिम चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के भीतर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर दुनिया की सबसे उंची इमारत बुर्ज खलीफा का अपना ही अंदाज रहा और भारत के साथ दुबई के सांस्कृतिक एवं व्यापारिक रिश्तों का जलवा बिखेरती हुई तिरंगे के रंगों-केसरिया, सफेद और हरे-रंग वाली रोशनी से यह इमारत जगमगाई।
सुप्रीम कोर्ट ने अध्यादेशों को बार-बार लाने पर ऐतराज जताया है। कोर्ट ने कहा कि यह संविधान के साथ 'धोखा' है और लोकतांत्रिक व्यवस्था को क्षति पहुंचाने वाली प्रक्रिया है, खासकर तब जब सरकार लगातार अध्यादेशों को विधायिका के सामने रखने से बच रही हो।
जानी-मानी वकील इंदिरा जयसिंह द्वारा संचालित एनजीओ का लाइसेंस सरकार ने एफसीआरए का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए स्थायी तौर पर रद्द कर दिया है। संगठन ने इस कार्रवाई को निरर्थक और इसे संविधान के तहत प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर हमला बताया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर चर्चा की वकालत करने के बीच कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे हर साल चुनाव पर होने वाले खर्च को कम करने और सरकारी फैसलों के आचार संहिता से प्रभावित होने से बचा जा सकेगा जबकि कुछ का कहना है कि इसमें संघीय लोकतंत्र बनाए रखना और दलीय लोकतंत्र की खामियां एक बड़ी चुनौती है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि सरकार लोगों के बेडरूम, रसोई और डायनिंग रूम में तांक-झांक करके संविधान में उल्लेखित आजादी के अभिप्राय को सीमित करने की गंभीर शुरूआत कर रही है।
डोनाल्ड ट्रंप के गुस्से का ताजा शिकार अमेरिका के एक रक्षा विशेषज्ञ हुए हैं। दरअसल, इराकी शहर मोसुल में लड़ाई के संबंध में ट्रंप के विश्लेषण पर विशेषज्ञ ने सवाल उठाए थे जिसके जवाब में ट्रंप ने उन्हें सैन्य रणनीति के पाठ पढ़ाने की पेशकश कर दी।
विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा और राज्य विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने से राष्ट्रीय पार्टियों को लाभ होगा लेकिन छोटे क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका गौण होगी जो एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने आज कहा कि नए संविधान में संशोधन नेपाली सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और मुद्दे के समाधान के लिए एक संघीय आयोग का जल्द गठन किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी मधेसियों की मांगों को समाहित करने के लिए लचीला रूख बनाने की जरूरत है।
आज के गांव संचार क्रांति से तो जुड़ गये हैं लेकिन संवेदनशीलता और भाईचारा वहां से खत्म हो रही है, जो उनकी विशिष्ट पहचान थी। यह चिंता कांस्टीटयूशन क्लब में रविवार की शाम जिंदगी पाउंडेशन द्वारा साहित्यायन ट्रस्ट के विशेष सहयोग से आयोजित वर्तमानमेंगांव विषयक संगोष्ठी में शामिल लगभग सभी वक्ताओं ने व्यक्त की। लेखक राजेश सक्षम को सुरेन्द्र तिवारी सम्मान से नवाजा गया। यह कार्यक्रम दिवंगत साहित्यकार सुरेंद्र तिवारी की याद में आयोजित किया गया।