भाजपा के बढ़ते वर्चस्व के बीच अब गौ रक्षा को लेकर देशभर के राजनीतिक तबकों में तरह तरह के बयान सामने आ रहे हैं। ताजा बयान भाजपा शासित छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह का है।
गोवंश सुरक्षा को लेकर गुजरात विधानसभा ने एक नया कानून पारित किया है। इसके बाद गो हत्या करने वाले को उम्रकैद की सजा होगी। वहीं गो मांस मिलने पर सात से दस साल की सजा होगी। गो मांस के साथ पकड़े जाने पर एक लाख से पांच लाख का आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है।
यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी गोरखपुर में समर्थकों और कार्यकर्ताओं को जोश में होश बनाए रखने की नसीहत दे रहे थे उसी समय उनकी पार्टी भाजपा के एक विधायक ने विवादित बयान दे डाला है।
उत्तर प्रदेश के चिड़ियाघरों में शेरों और बब्बर शेरों को मीट के बजाय चिकन खिलाने का मामला शुक्रवार को कांग्रेस के एक सदस्य ने लोकसभा में उठाया और सवाल किया कि क्या अब शेरों को भी पालक पनीर खाने को कहा जाएगा।
उत्तर प्रदेश में सभी यांत्रिक बूचड़खाने बंद करने के अपने वादे को लेकर भाजपा को केंद्र में अपनी ही सरकार की नीतियों के विरोधाभास और कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार को दिए गए एक बयान में कहा था, प्रदेश में संचालित अवैध पशु वधशालाओं को बन्द कराना एवं यांत्रिक पशु वधशालाओं पर प्रतिबन्ध वर्तमान सरकार की प्राथमिकताओं में है।
यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी द्वारा राज्य के अवैध बूचडखाने बंद करने की कार्ययोजना और गायों की तस्करी की पाबंदी के बीच योगी की वेबसाइट पर गौहत्या को लेकर जनमत संग्रह हो रहा है। योगी के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर स्थित कार्यालय ने इस खबर की पुष्टि की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सरकारी कार्यालयों में पालीथीन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाते हुए सभी शासकीय दफ्तरों, अस्पतालों और स्कूल कालेजों में पान, गुटखे और तम्बाकू के सेवन पर पाबंदी लगाने के निर्देश दिये।
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के अवैध बूचड़खानों को बंद करने जा रही है। इससे करीब 12 हजार लोग बेरोजगार हो जाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह के पहले दिन ही योगी सरकार ने कत्लखानों को बंद करने की बात कही है। चुनाव में किए वादे को पूरा करने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है लेकिन समूचे प्रदेश में वैध और अवैध तरीके से हो रहे 535 करोड़ रुपये रोज के मीट कारोबार को बंद करना इतना आसान नहीं होगा
राष्ट्रीय राजधानी में गौमांस उपभोग को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहे दिल्ली उच्च न्यायालय से शहर की पुलिस ने कहा है कि पुलिस महज एक कानून प्रवर्तन एजेंसी है और उसका किसी वैधानिक प्रावधान की संवैधानिक वैधता से कुछ लेना-देना नहीं है।