अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत एवं अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत बनाने वाली साझेदारी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन करके उन्हें धन्यवाद दिया और दोनों नेताओं ने रक्षा एवं असैन्य परमाणु ऊर्जा संबंधों को और सुदृढ़ बनाने के तरीकों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गांधीनगर में कई देशों के प्रमुखों और मंत्रियों से मुलाकात की और द्विपक्षीय बातचीत की। ये नेता वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में भाग लेने यहां पहुंचे हैं।
सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने आज अपनी चार दिवसीय चीन यात्रा शुरू की जिसमें वह भारत-चीन द्विपक्षीय सहयोग और परस्पर विश्वास गहरा करने के उदेश्य से शीर्ष पीएलए नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे एवं महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठान जाएंगे।
पूर्व विदेश सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके शिवशंकर मेनन का कहना है कि भारत और अमेरिका के संबंधों की बेहतर व्याख्या सहयोगी नहीं बल्कि बराबर के भागीदार के तौर पर की जा सकती है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच नौवहन सुरक्षा और रक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अभूतपूर्व सहयोग है।
गोवा में 15 अक्तूबर से शुरू हो रहेे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और बिम्सटेक सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 राष्ट्राध्यक्षों के साथ दोतरफा संबंधों को लेकर बातचीत करेंगे। तीन दिनों तक चलने वाले सम्मेलन में भाग लेने के लिए आ रहे रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन के साथ भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता भी मोदी शामिल होंगे।
उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी नाईजीरिया और माली के पांच दिवसीय दौरे पर जाएंगे। यह दौरा कल से शुरू होगा। इसका उद्देश्य पश्चिमी अफ्रीका के इन दो देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
भारत-पाकिस्तान के संबंधों में बढ़ती कड़वाहट के बीच भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग में तैनात राजनयिकों और अधिकारियों से अपने बच्चों को वहां के स्कूलों में नहीं पढ़ाने को कहा है। विदेश मंत्रालय ने राजनयिकों को इसी अकादमिक सत्र से बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था पाकिस्तान से बाहर करने को कहा है।
भारत सहित परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं करने वाले देशों की सदस्यता पर चर्चा के लिए परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की एक बार फिर बैठक हो सकती है। इस बीच, भारत ने रविवार को चीन को स्पष्ट कर दिया कि द्विपक्षीय संबंधों में आगे बढ़ने के लिए भारत के हितों का ख्याल रखना जरूरी है।