Advertisement

Search Result : "Dr. APJ Kalam"

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की 89वीं जयंती आज, पीएम मोदी, शाह समेत कई दिग्गजों ने किया याद

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की 89वीं जयंती आज, पीएम मोदी, शाह समेत कई दिग्गजों ने किया याद

देश के 11वें राष्ट्रपति भारत रत्न डा. कलाम की आज 89वीं जयंती है। वह देश के 11वें राष्ट्रपति थे और उनका...
11वें राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे कलाम की 5वीं पुण्यतिथि पर जानिए उनकी कुछ प्रेरणादायी बातें, जो हमें प्रेरित करता

11वें राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे कलाम की 5वीं पुण्यतिथि पर जानिए उनकी कुछ प्रेरणादायी बातें, जो हमें प्रेरित करता

आज पूरा देश 11वें राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हैं। अब्दुल कलाम की आज...
तमिलनाडु पहुंचे पीएम मोदी ने किया एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन

तमिलनाडु पहुंचे पीएम मोदी ने किया एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की दूसरी पुण्यतिथि पर तमिलनाडु के रामेश्वरम में एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम ने डॉ. कलाम के परिजनों से मुलाकात की।
गांधी के विरोधियों को कांग्रेस का जवाब, ‘अब्दुल कलाम भी चाहते थे किसी को न हो फांसी’

गांधी के विरोधियों को कांग्रेस का जवाब, ‘अब्दुल कलाम भी चाहते थे किसी को न हो फांसी’

शिवसेना द्वारा गोपाल कृष्ण गांधी पर दिए विवादित बयान के बाद कांग्रेस ने इसका जवाब दिया है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था कि गांधी ने याकूब मेनन की फांसी का विरोध किया था। इस बयान के बाद सियासी हलकों में खलबली मच गई थी।
...और डॉ. कलाम मंगलयान प्रक्षेपण के साक्षी बनते-बनते रह गए

...और डॉ. कलाम मंगलयान प्रक्षेपण के साक्षी बनते-बनते रह गए

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम मंगलयान प्रक्षेपण के गवाह बनना चाहते थे, लेकिन प्रक्षेपण तिथि 24 सितंबर, 2014 के ठीक एक दिन पहले उनकी बिलकुल इच्छा न होने के बावजूद उन्हें बेंगलुरू से बाहर जाना पड़ा।
नेहरू-गांधी के शासन में मौलाना आजाद को क्यों नहीं मिला भारत रत्न: प्रसाद

नेहरू-गांधी के शासन में मौलाना आजाद को क्यों नहीं मिला भारत रत्न: प्रसाद

नेहरू-गांधी परिवार के शासनकाल के दौरान मौलाना आजाद को भारत रत्न नहीं दिए जाने पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि प्रथम प्रधानमंत्री की जिन नेताओं ने आलोचना की उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया।