संपादक की कलम सेः महामारी और महारोग “अफसोस! सामुदायिक ताने-बाने को तार-तार करने वाले ऐसे संगीन महारोग के लिए कोई वैक्सीन उपलब्धच नहीं... APR 04 , 2021
प्रथम दृष्टि : स्वरा भी, कंगना भी "हम भूल जाते हैं कि स्वरा भास्कर को भी अपनी बात कहने का उतना ही अधिकार है, जितना कंगना रनौत को, भले ही उनकी... FEB 20 , 2021
प्रथम दृष्टि: जांबाजों का साल “बीता वर्ष काले, भयावह वर्ष के रूप में याद किया जायेगा, वहीं इसे इतिहास में ऐसे कालखंड के रूप में भी... DEC 28 , 2020
बिहार का सच “बिहार के मतदाताओं से ऐसी अपेक्षा तो की ही जा सकती है कि वे वैसे उम्मीदवारों को जरूर धूल चटाएं जो... NOV 01 , 2020
किसान की त्रासदी “सरकारी योजनाओं का लाभ बड़े और कुछ मझोले किसानों तक ही पहुंच पाया। छोटा किसान तो लालफीताशाही और... OCT 04 , 2020
शर्मिंदगी का सबब जीवन के ज्यादातर समय मुझे पत्रकार होने पर गर्व रहा है, सिवाय उन लम्हों के जब प्रमोशन में देरी हुई या... SEP 05 , 2020
गांधी को आत्मसात करें "हम सभी के लिए यह समय आत्मालोचना का है कि जिस गांधी के मूल्यों और दर्शन को दुनिया स्वीकार कर रही है, वे... OCT 02 , 2019
जनहित या राजनैतिक हित अगला लोकसभा चुनाव ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा है, राजनैतिक दलों की चुनाव जीतने की रणनीति भी बदलती जा रही... NOV 29 , 2018
आज की कसौटियां किसी भी जीवंत देश के लिए मजबूत और स्वतंत्र मीडिया का होना अहम जरूरत है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा... NOV 17 , 2018
आज की कसौटियां किसी भी जीवंत देश के लिए मजबूत और स्वतंत्र मीडिया का होना अहम जरूरत है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा... NOV 15 , 2018