हॉलीवुड की अभिनेत्री और फिल्म निर्माता एंजेलिना जोली अमेरिका के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में पढ़ाएंगी। यूएस पत्रिका के मुताबिक इससे पहले जोली लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) में अतिथि शिक्षक भी रह चुकी हैं।
वरिष्ठ अभिनेता नसीरूद्दीन शाह की राजेश खन्ना पर कथित टिप्पणी को लेकर ट्विंकल खन्ना ने पलटवार किया है। अपनी टिप्पणी में शाह ने कथित तौर पर कहा था कि 70 के दशक में हिंदी फिल्म उद्योग में मध्यम स्तर लाने के लिए राजेश खन्ना जिम्मेदार हैं।
रमन राघव 2.0 अनुराग कश्यप स्टाइल की फिल्म है। यानी लंबी स्क्रिप्ट और एडिटिंग से जूझती हुई फिल्म। फिल्म हिचकाले खाती धीरे-धीरे चलती है और लगता है पता नहीं यह खत्म कैसे होगी। यह तो तय है कि यह फिल्म पूरी तरह अनुराग कश्यप के मुरीदों के लिए ही है।
सेंसर बोर्ड से मतभेद के बाद विवादों में घिरी अनुराग कश्यप की फिल्म 'उड़ता पंजाब' को बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को मंजूरी दे दी। कोर्ट ने कहा कि फिल्म देेश या राज्य के खिलाफ नहीं है। हाईकोर्ट ने सेंसर बोर्ड को आदेश जारी करते हुए कहा है कि फिल्म को अगले 48 घंटे में सर्टिफिकेट दिया जाए। कोर्ट ने बोर्ड को फिल्म के लिए ए सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कहा है। इधर सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी ने कहा है कि वह अगर इस पद के लिए योग्य नहीं हैं तो उन्हें पद से हटा दिया जाए।
उड़ता पंजाब में सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी ने फिल्म के नाम सहित पूरी फिल्म से ‘पंजाब’ शब्द हटाने और कहानी में कथित तौर पर 89 कट करने को कहा है। बोर्ड के इस फैसले से निर्माता परेशान हैंं। सेंसर बोर्ड ने 13 सुझाव निर्माता को दिए हैं, ये सुझाव मानने पर ही पिक्चर को सेंसर बोर्ड की ओर से 'ए' सर्टिफ़िकेट मिल सकेगा।
फिल्म उड़ता पंजाब की रिलीज का मामला काफी गरमा गया है। फिल्मकार अनुराग कश्यप ने कहा है कि फिल्मों को रिजेक्ट करने का हक जनता को होना चाहिए। एक अधिकारी को यह हक नहीं दिया जा सकता। कश्यप ने साफ कहा कि पहलाज निहलानी का व्यवहार निर्माताओं पर भारी पड़ रहा है। अनुराग ने कहा कि पिछले दो साल में जितनी फिल्मेंं ट्राइबुनल में गई, उतनी पहले नहीं गईं। उन्होंने कहा कि जानबूझकर फिल्म रिलीज में बाधा खड़ी की जाती है। इसी बीच पहलाज निहलानी ने कश्यप पर आप से पैसे लेने का आरोप लगाया है।
आने वाली फिल्म उड़ता पंजाब को सेंसर करने के विरोध में गरमा-गरमी बढ़ती जा रही है। उड़ता पंजाब के निर्देशक पर इस फिल्म का नाम बदलने पर भी दबाव है। फिल्म में से पंजाब हटाने पर भी जोर दिया जा रहा है। इस बीच फिल्म पर जारी सेंसरशिप की तुलना अनुराग कश्यप ने उत्तर कोरिया के तानाशाही शासन से की है। अनुराग कश्यप इसके निर्माताओं में से एक हैं।