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Search Result : "How Yash Chopra convinced Javed Khan for lyric writing"

फिल्मकार नासमझ जो स्विट्जरलैंड जाते हैं: सलमान

फिल्मकार नासमझ जो स्विट्जरलैंड जाते हैं: सलमान

कश्मीर को इस धरती की सबसे खूबसूरत जगह बताते हुए बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान ने कहा है कि फिल्मकार नासमझ हैं जो शूटिंग के लिए स्विट्जरलैंड जाते हैं। उन्हें तो घाटी में ही सबकुछ मिल सकता है।
हाईकोर्ट से नहीं मिली कुमार विश्‍वास को राहत

हाईकोर्ट से नहीं मिली कुमार विश्‍वास को राहत

आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्वास को दिल्ली हाईकोर्ट ने झटका दिया है। हाईकोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग के उन नोटिसों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है जो आयोग ने एक महिला को बदनाम करने के मामले में पेशी के लिए विश्वास को भेजे थे।
पाक से क्रिकेट क्‍याेें जरूरी?

पाक से क्रिकेट क्‍याेें जरूरी?

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मुखिया शहरयार खान भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को फिर बहाल करने के प्रयास के तहत भारत आए और यहां भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अधिकारियों से मिले।
आईपीएलः चेन्नई पर दिल्ली की जीत का श्रेय श्रेयस को

आईपीएलः चेन्नई पर दिल्ली की जीत का श्रेय श्रेयस को

दिल्ली डेयरडेविल्स ने श्रेयस अय्यर की धमाकेदार पारी की बदौलत 120 रन के छोटे लक्ष्य को छह विकेट रहते 16.4 ओवर में ही पूरा कर चेन्नई सुपरकिंग्स को मात दी है।
दिसंबर में भारत-पाक क्रिकेट सीरीज, यूएई में होंगे मैच

दिसंबर में भारत-पाक क्रिकेट सीरीज, यूएई में होंगे मैच

भारत और पाकिस्‍तान के बीच दिसंबर में तीन टेस्‍ट मैच, पांच वनडे और दो टी-20 मैच खेले जाने पर सहमति बनती नजर आ रही है। पाकिस्‍तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख शहरयार खान ने इसकी पेशकश की है। ये मुकाबले यूएई में खेले जाएंगे।
डर के आगे जीत है

डर के आगे जीत है

किसी नामचीन अभिनेता के जेल जाने की खबरों से न केवल फिल्म कंपनियों की शिकन बढ़ जाती है बल्कि विज्ञापन कंपनियां भी हाथ पीछे खींचने लगती हैं। लेकिन अभिनेता सलमान खान के मामले में ऐसा नहीं हुआ। बल्कि शुक्रवार का अखबारों में पूरे-पूरे पेज पर उनके विज्ञापन देखे गए। जो बताते हैं कि विज्ञापन कंपनियां सलमान खान के साथ खड़ी हैं या फिर फाइनल फैसले का इंतजार कर रही हैं।
समीक्षा - पीकू

समीक्षा - पीकू

शुजीत सरकार की नई फिल्म पीकू वैसे तो पारिवारिक कहानी है, पर आजकल पूरी तरह पारिवारिक कहानियों का दौर और परिभाषा दोनों बदल गई है। शायद अभी भी कुछ दर्शक यह न पचा पाएं कि एक पिता किसी तीसरे व्यक्ति के सामने बेटी के लिए कहे, ‘शी इज नॉट वर्जिन।’ फिर भी यह ऐसी फिल्म है जो पारिवारिक मुद्दों और बूढ़ों की समस्याओं पर हल्के-फुल्के ढंग से रोशनी डालती है। अच्छा लगता है जब नकारा श्रेणी में आ गई नई पीढ़ी की लड़की पिता की खातिर शादी नहीं कर रही और कहती है, ‘एक वक्त के बाद माता-पिता को बच्चे ही जिंदा रखते हैं।’