थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई द र मई माह में उससे पिछले महीने के मुकाबले थोड़ी चढ कर शून्य से 2.36 अंक पर आ गयी। अप्रैल में यह शून्य से 2.65 अंक नीचे थी।
मुद्रास्फीति और वित्तीय घाटा नियंत्रण में रहने के मद्देनजर बैंकरों और उद्योगपतियों को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक मंगलवार को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने और निवेश बढ़ाने के लिए रेपो दर में कटौती कर सकता है।
रोजमर्रा की जरूरत की ज्यादातर सेवाएं सोमवार से महंगी हो गई हैं। अब 12.36 फीसदी की जगह 14 फीसदी सर्विस टैक्स चुकाना पड़ेगा। आम बजट में हुई यह घोषणा एक जून से लागू हो गई है।
मोदी सरकार के एक साल के दौरान विभिन्न महानगरों में दालों के दाम 64 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। महंगाई से राहत के तमाम दावों के बावजूद आम आदमी पर महंगाई की मार बदस्तूर जारी है।
ऐसा लगता है कि मोदी सरकार का पहला साल कारोबारी जगत को रास नहीं आ रहा। तभी तो शेयर बाजार लगातार बेजार होता जा रहा है और सेंसेक्स पिछले चार महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है।
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को 479 अंक की लंबी छलांग के साथ 27,490.59 अंक पर पहुंच गया। वाहन, रीयल्टी तथा रिफाइनरी कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार की धारणा को बल मिला। अप्रैल में लगातार बिकवाली के बाद निवेशकों ने अब नए सौदे किए हैं। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 150 अंक की बढ़त के साथ एक बार फिर 8,300 अंक के स्तर के पार निकल गया।