सीबीआइ द्वारा दर्ज एफआइआर के मुताबिक, घूस को छिपाने के लिए मानस पात्रा पहले इस रकम को अपने एकाउंट में जमा कर लेता था। बाद में उस रकम को मल्होत्रा की पत्नी के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर कर देता था।
एक लंबे चौड़े डिस्क्लेमर के बाद बस पांच मिनट में ही दर्शकों को पता चल जाता है कि दरअसल असली "इंदू सरकार" कौन है। लचर नरैशन, उससे भी ढीली पटकथा और अपने पात्र को स्थापित करने के लिए ही मधुर भंडारकर आधा घंटा लेते हैं। मधुर ने फिल्म ऐसे बनाई है जैसे आपातकाल आज लगा हो और उन्हें हर कदम फूंक-फूंक कर रखना है। वरना सावधानी हटी और दुर्घटना घटी जैसा कुछ होगा और वह सीधे तिहाड़ दर्शन कर लेंगे।
बॉलीवुड फिल्मकार मधुर भंडारकर के निर्देशन में बनी फिल्म 'इंदु सरकार' को सुप्रीम कोर्ट से रिलीज करने की अनुमति मिल गई है। पिछले दिनों काफी विवादों में रहने वाली इस फिल्म के रिलीज पर रोक लगाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
पुणे के बाद सोमवार को अपनी अपकमिंग फिल्म ‘इंदु सरकार’ के प्रमोशन के लिए नागपुर पहुंचे निर्माता-निर्देशक मधुर भंडारकर का कांग्रेस पार्टी के स्थानीय नेताओं ने जमकर विरोध किया।
इमर्जेंसी पर बनी फिल्म ‘इंदु सरकार’ को लेकर सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने कहा कि 'इंदु सरकार' को कांग्रेस या गांधी परिवार में से किसी से भी एनओसी लेने की जरूरत नहीं है।