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जदयू के फैसले से तय होगी विपक्ष की रणनीति

जदयू के फैसले से तय होगी विपक्ष की रणनीति

राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को जनता दल (यू) समर्थन देगा या नहीं, इसे लेकर पटना स्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास में कोर कमेटी की बैठक शुरू हो गई है। बेशक नीतीश कुमार का झुकाव कोविंद के पक्ष में दिख रहा हो लेकिन कमेटी के फैसले के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी और इसी से तय होगी विपक्ष की अगली रणनीति।
विपक्षी एकता को झटका, रामनाथ कोविंद को समर्थन देगी जदयू

विपक्षी एकता को झटका, रामनाथ कोविंद को समर्थन देगी जदयू

राष्ट्रपति चुनाव में एकजुटता दिखाने के विपक्ष के मंसूबे पर पानी फिरता दिख रहा है। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाईटेड) ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का ऐलान किया है।
‘अगर गाय से प्रेम है तो उसे राष्ट्रीय पशु घोषित कर दीजिए’

‘अगर गाय से प्रेम है तो उसे राष्ट्रीय पशु घोषित कर दीजिए’

पिछले दिनों केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया। इसके तहत गाय, बैल, सांड, बधिया बैल, बछड़े, बछिया, भैंस और ऊंट की मांस के लिए खरीद-फरोख्त पर पाबंदी लगाई गई है। इस पर कई राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है।
टेलीकॉम उद्योग में भी महागठबंधन की मजबूरी

टेलीकॉम उद्योग में भी महागठबंधन की मजबूरी

उथल पुथल के इस दौर में लगता है राजनीति की तरह बाजार में भी महागठबंधन का युग आ गया है। जिस तरह करिश्माई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकस्त देने के लिए बाकी पार्टिया आपसी दुश्मनी को तिलांजलि देकर गठबंधन करने को मजबूर हो रही हैं, उसी तरह भारतीय टेलीकॉम उद्योग बाजार में मुंकेश अंबानी के जियो के लगातार बढ़ते प्रभाव को टक्कर देने के लिए दो टेलीकॉम दिग्गजों वोडाफोन और आदित्य बिड़ला ग्रुप के आइडिया सेल्युलर ने महागठबंधन का सहारा लिया है। मजे की बात है अब तक जिनके खिलाफ गठबंधन को आजमाने की कोशिशें शुरु हुई हैं वे दोनों, मोदी और मुकेश अंबानी, गुजरात के हैं।
सपा-कांग्रेस गठबंधन ने किया प्रतिद्वंद्वियों को अपनी रणनीति में बदलाव के लिये मजबूर

सपा-कांग्रेस गठबंधन ने किया प्रतिद्वंद्वियों को अपनी रणनीति में बदलाव के लिये मजबूर

शुरुआती हिचकोलों के बाद सपा-कांग्रेस गठबंधन के विधानसभा चुनाव प्रचार के जोर पकड़ने के मद्देनजर प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों बसपा और भाजपा को मुस्लिम बहुल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी रणनीति में रद्दोबदल करना पड़ा है।
कमल में रंग भरने के बाद शुरू हुई राजनीतिक अटकलों पर हंसे नीतीश

कमल में रंग भरने के बाद शुरू हुई राजनीतिक अटकलों पर हंसे नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी चित्रकार बौआ देवी द्वारा बनाए गए कमल के एक फूल में रंग भरने के बाद राजनीतिक अटकलों :भाजपा और जदयू के एकबार फिर करीब आने: का बाजार गर्म होने को लेकर हंसे।
शरद बोले वोट बेटी की इज्जत से बढ़कर, महिला आयोग ने भेजा नोटिस

शरद बोले वोट बेटी की इज्जत से बढ़कर, महिला आयोग ने भेजा नोटिस

वोट और लड़कियों को लेकर दिए गए बयान पर शरद यादव ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने कोई गलत बयान नहीं दिया है, वोट और बेटी के प्रति प्यार और इज्जत एक सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसा बेटी से प्यार करते हैं वैसे ही वोट से भी प्यार कीजिए, तभी देश और सरकार अच्छी बनेगी। शरद यादव के बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने उन्हें नोटिस भेज जवाब मांगा है।
लालू के भोज में भाजपा नेता नहीं आए, आमंत्रण पर जदयू ने उठाए सवाल

लालू के भोज में भाजपा नेता नहीं आए, आमंत्रण पर जदयू ने उठाए सवाल

मकर संक्रांति के मौके पर राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद के यहां चूड़ा दही के भोज का आयोजन किया गया। जिसमें पहली बार लालू की तरफ से भाजपा के नेताओं को भी न्योता भेजा गया था। हालांकि भाजपा ने इस न्योते को ठुकरा दिया और पार्टी का कोई भी नेता लालू के इस भोज में शामिल नहीं हुआ। लालू प्रसाद के इस आमंत्रण पर जदयू ने सवाल उठाए हैं।
अखिलेश के पक्ष में शीला दीक्षित हटने को तैयार, गठबंधन की संभावना

अखिलेश के पक्ष में शीला दीक्षित हटने को तैयार, गठबंधन की संभावना

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में समान विचारधारा वाली सपा जैसी पार्टियों के साथ चुनाव से पहले गठबंधन किए जाने की संभावना से आज इनकार नहीं किया। वहीं, इसकी मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने युवा अखिलेश यादव के पक्ष में इस मुकाबले से हटने की पेशकश की है।
अन्‍नाद्रमुक में ही नहीं अन्‍य क्षेत्रीय दलों में भी है उत्‍तराधिकारी की समस्‍या

अन्‍नाद्रमुक में ही नहीं अन्‍य क्षेत्रीय दलों में भी है उत्‍तराधिकारी की समस्‍या

तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर तरह तरह केे सवाल उठ रहे हैं। ओ पनीरसेल्वम, पी रामचंद्रन, थंबीदुरई, ई पलानीस्वामी और शशिकला नटराजन जैसे कई नाम सामने आए लेकिन किसी एक नाम पर सर्वसम्मति नहीं बनी। तमिलनाडु में अन्‍नाद्रमुक के अलावा अन्‍य राज्‍यों में सत्‍ताशीन क्षेत्रीय दलों में भी उत्‍तराधिकारी को लेकर समस्‍या है।
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