जेडीयू के अंदर मचे आपसी घमासान के बीच बागी नेता शरद यादव ने राज्यसभा से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। शरद ने कहा कि ना तो उन्होंने संविधान के 10वें शेड्यूल का उल्लंघन किया है और ना ही उन्होंने पार्टी के खिलाफ कोई काम किया है।
नीतीश पर पार्टी के उसूलों को छोड़ने का आरोप लगाते हुए शरद ने कहा कि वह ही असली जेडीयू हैं और चुनाव आयोग में इसे साबित कर देंगे। हालांकि नीतीश खेमे का दावा है कि शरद ने खुद ही पार्टी छोड़ी है और उनकी राज्यसबभी सदस्यता जाना तय है।
चुनाव आयोग और राज्यसभा सचिवालय से मिले झटकों के बावजूद जेडीयू के बागी नेता शरद यादव हथियार डालने को तैयार नहीं हैं। शरद ने कहा कि उनके समर्थक 17 सितंबर को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुला रहे हैं जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। अगले महीने 8 अक्टूबर को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी दिल्ली में बुलाई गई है। शरद यादव खेमा दावा कर रहा है कि पार्टी के ज्यादातर विधायक और सांसद भले ही नीतीश के साथ हों लेकिन संगठन में अब भी शरद की पकड़ मजबूत है।
वहीं दूसरी तरफ नीतीश समर्थक केसी त्यागी ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर शरद यादव चुनाव आयोग को भी नहीं मानते तो वह उनके लिए सिर्फ अफसोस ही जाहिर कर सकते हैं। त्यागी ने ये भी दावा किया कि शरद खुद ही पार्टी छोड़ चुके हैं।
आपको बता दें कि मंगलवार को चुनाव आयोग ने पार्टी चिन्ह (तीर) पर शरद यादव के दावे को खारिज कर दिया था। हालांकि शरद यादव ने कहा है कि इसे खारिज नहीं किया गया है। हमारे वकील मामले को देख रहे हैं और उचित समय पर इसका जवाब देंगे।
चुनाव आयोग में नीतीश खेमे ने पार्टी के ज्यादातर सांसदों, विधायकों और प्रदेश अध्यक्षों के दस्तखत वाले शपथपत्र जमा कराए हैं। समाजवादी पार्टी के विवाद में अगर चुनाव आयोग के फैसले को नज़ीर माना जाये तो जेडीयू पर नीतीश का कब्जा तय है।