वे मानव शरीर को ‘मंदिर’ मानते थे। मंदिर की तरह ही अपने शरीर की उन्होंने देखभाल की। 104 साल की उम्र पाई। यहां बात देश के पहले मिस्टर यूनिवर्स मनोहर आइच की हो रही है। रविवार को उनका निधन हो गया। वे अपने ‘मंदिर’ को मेडिकल रिसर्च के लिए दान कर गए। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में उनका ‘मंदिर’ यानी शरीर मेडिकल के विद्यार्थियों के रिसर्च के काम आएगा।
किताबों के संग गुजारे गए बचपन के पल न सिर्फ मजेदार होते हैं, बल्कि बड़े होने पर आमदनी बढ़ाने की वजह भी बनते हैं। जी हां, एक नए अध्ययन में वयस्कों की आमदनी और किताबों के बीच गुजरे बचपन के साथ उसका गहरा रिश्ता पाया गया।
हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रसासन की कथित प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने वाले दलित शोध छात्र रोहित वेमुला के भाई ने दिल्ली सरकार की तरफ से की गई नौकरी की पेशकश को स्वीकारने से मना कर दिया है। यह जानकारी दिल्ली की आप सरकार ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दी है।
आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की स्थिति मजबूत होती जा रही है। पिछले दोनों मैंच उसने उम्दा प्रदर्शन की बदौलत जीते हैं। आरसीबी के खिलाफ जहां युसूफ पठान का बल्ला बोला था तो पंजाब के खिलाफ चमत्कारिक आलराउंडर आंद्र रसेल ने अंतिम ओवरों में बेहतरीन गेंदबाजी कर टीम की झोली में जीत डाल दी।
पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत 30 करोड़ वर्ष पहले नहीं बल्कि कम-से-कम 4.1 अरब वर्ष पहले हुई थी। पूर्व के दस्तावेजों के अनुसार, हमारे ग्रह पर 30 करोड़ वर्ष पहले जीवन की शुरुआत होने की बात कही गई थी लेकिन नये अनुसंधान में नए तथ्य सामने आए हैं।
उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल सहित 21 लेखकों द्वारा साहित्यिक सम्मान लौटाने की घोषणा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हिन्दू धर्म को विकृत करने और भारत को नष्ट करने के प्रयासों में सेकुलर ग्रंथि से पीड़ित कुछ असहिष्णु कलमकारों ने अपने तमगे लौटा दिए हैं।
देश में लगातार बढ़ रही सांप्रदायिक घटनाओं के विरोध में प्रसिद्ध लेखिका नयनतारा सहगल के बाद हिंदी के जाने-माने साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। इससे पहले उदय प्रकाश भी कन्नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में यह पुरस्कार लौटा चुके हैं।
वैज्ञानिकों ने ऐसे प्रोटीन की पहचान की है जो दिल का दौरा पड़ने के बाद उसकी मांसपेशी की कोशिकाओं को फिर से बनाने में मदद करता है। अनुसंधाकर्ताओं ने यह भी बताया है कि हृदय के अंदर थोड़ी अधिक मात्रा में यह प्रोटीन रखा जाए तो चूहों और सुअरों में इससे न केवल हृदयघात के बाद दिल के कामकाज में सुधार होता है बल्कि उनके बचने की संभावना भी बढ़ जाती है।