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उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावः  समाजवादी पार्टी की कठिन परीक्षा

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावः समाजवादी पार्टी की कठिन परीक्षा

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए कठिन परीक्षा वाला चुनाव साबित होने जा रहा है। राज्य में चार चरणों में मतदान होना है और पहले चरण का मतदान 9 अक्टूबर को हो रहा है। जबकि दूसरा चरण 13, तीसरा 17 और चौथे चरण का मतदान 29 अक्टूबर को होगा। जबकि मतगणना एक नवंबर को होगी।
'युद्धिष्ठिर' के बाद 'राम' भी होंगे भाजपा में शामिल

'युद्धिष्ठिर' के बाद 'राम' भी होंगे भाजपा में शामिल

अभिनेता अरुण गोविल भारत के टीवी जगत में एक जाना पहचाना नाम हैं। लगभग 25 साल पहले रामायण में निभाए गए भगवान राम के किरदार के लिए पूरा देश उन्हें आज भी याद करता है। गोविल इस समय टीवी पर बहुत कम सक्रिय हैं। हाल ही में वे डीडी किसान चैनल से जुड़े हैं। और अब भाजपा से जुड़ने की खबरों से चर्चा में हैं।
योगेंद्र यादव के समर्थन में भाकियू समेत कई किसान संगठन

योगेंद्र यादव के समर्थन में भाकियू समेत कई किसान संगठन

किसानों से जुड़ी मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे स्‍वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव की गिरफ्तारी के विरोध में किसान संगठन लामबंद होने लगे हैं।
ग्रामीण राजस्थान में कन्या भ्रूण हत्या में कमी का दावा

ग्रामीण राजस्थान में कन्या भ्रूण हत्या में कमी का दावा

राजस्थान के जयपुर औऱ जोधपुर के छह जिलों में पंचायतों के साथ मिल कर चलाए जा रहे सीफार संस्था के प्रयासों से कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान का दिख रहा असर
छब्बीस मई  से शुरू होगा डीडी किसान चैनल

छब्बीस मई से शुरू होगा डीडी किसान चैनल

कृषि और किसानों के मुद्दों पर केंद्रित डीडी किसान चैनल का मंगलवार (२६ मई) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुभारंभ करेंगे। सरकार के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में शुरू किए जा रहे इस चैनल का मकसद सरकार की योजनाओं को किसानों के बीच पहुंचाना है। साथ ही किसानों की समस्याओं से सरकार को अवगत कराना है।
किसानों को आज फिर टिकैत जैसे नेता की जरुरत

किसानों को आज फिर टिकैत जैसे नेता की जरुरत

चौ. टिकैत के आन्दोलन में न तो नेताओं की भरमार थी और न पदाधिकारियों की कतार। इस आन्दोलन में शामिल हर व्‍यक्ति सिर्फ किसान था। चौ. टिकैत जनता के बीच से आए थे और अाखिरी दम तक जनता के बीच रहे। यही सादगी और खरापन उनकी पहचान बन गया। उनकी मृत्यु के बाद किसान आन्दोलन में पैदा खालीपन की भरपाई आज तक नहीं हो पाई है।