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एमएनएस नेता ने 3 बरस में किए 5 विवाह, पत्‍नी संग मारपीट पर केस दर्ज होगा

एमएनएस नेता ने 3 बरस में किए 5 विवाह, पत्‍नी संग मारपीट पर केस दर्ज होगा

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता ललित कोल्हे ने बीते तीन सालों में पांच बार विवाह किया है। पांचवीं पत्‍नी भक्ति से मारपीट के संबंध में पत्र मिलने के बाद उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कोल्हे पर केस दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं। कोल्‍हे महाराष्ट्र के जलगांव के उप महापौर हैं।
पीएम की यात्रा और काला धन, स्विटजरलैंड ने ललित मोदी से मांगा जवाब

पीएम की यात्रा और काला धन, स्विटजरलैंड ने ललित मोदी से मांगा जवाब

पीएम नरेंद्र मोदी की स्विटजरलैंड यात्रा से पहले वहां के प्रशासन ने ललित मोदी और उनकी पत्‍नी मिनाल को जांच के घेरे में ले लिया है। स्विटजरलैंड की सरकार ने ललित मोदी और उनकी पत्नी का नाम उन लोगों में शामिल किया है, जिनके बारे में भारतीय अधिकारियों ने वहां के कर विभाग से जानकारी मांगी है।
ईडी ने ललित मोदी के प्रत्‍यर्पण के लिए मोदी सरकार को लिखा खत

ईडी ने ललित मोदी के प्रत्‍यर्पण के लिए मोदी सरकार को लिखा खत

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व आयुक्त ललित मोदी के प्रत्यर्पण के लिए केंद्र सरकार से पहल करने का आग्रह किया है, जिसकी कानूनी समीक्षा की जा रही है।
एके 47 राइफल खरीदना चाहता था आसाराम का शार्पशूटर: पुलिस

एके 47 राइफल खरीदना चाहता था आसाराम का शार्पशूटर: पुलिस

आसाराम के कथित अनुयायी कार्तिक हलदर ने एके 47 राइफल खरीदने की योजना बनाई थी ताकि वह अन्य गवाहों की भी हत्या कर सके। संदेह है कि आसाराम और उनके पुत्र नारायण साईं के खिलाफ बलात्कार के दो मामलों के तीन प्रमुख गवाहों की गोली मारकर हत्या हलदर ने ही की है।
तेरे बिन ही ठीक थे लादेन

तेरे बिन ही ठीक थे लादेन

इस फिल्म का सीक्वेल देखने के बाद इच्छा होती है कि संविधान में संशोधन कर एक नियम डाला जाए कि पकाऊ सीक्वेल बनाने पर सजा का प्रावधान हो।
गांधी: बस नाम ही बाकी है

गांधी: बस नाम ही बाकी है

राष्ट्रपिता के रूप में ख्याति पाने वाले शख्स के नाम पर पूरे भारत में ढेरों संस्थाएं हैं, जिनका बस 'नाम’ ही बाकी रह गया है
खिड़कियां थिएटर उत्सव

खिड़कियां थिएटर उत्सव

मुंबई में खिड़कियां थिएटर उत्सव की धूम रहती है। रंगमंच के कलाकारों के साथ बॉलीवुड के सितारे में इसमें शामिल होना गर्व समझते हैं।
रामदरश मिश्र की कहानी - साढ़ेसाती

रामदरश मिश्र की कहानी - साढ़ेसाती

सन 1951 में पहला काव्य संग्रह पथ के गीत का प्रकाशन। तब से निरंतर रचना कर्म में सक्रीय। आग की हंसी के लिए सन 2015 का साहित्य अकादमी सम्मान। कविता, उपन्यास, कहानी, ललित निबंध, आत्मकथा, आलोचना, यात्रावृत्तांत, डायरी, समीक्षा, संस्मरण आदि सभी विधाओं में लेखन। दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, शलाका सम्मान, महापंडित राहुल सांकृत्यायन सम्मान, व्यास सम्मान सहित कई पुरस्कार एवं सम्मान।
मैं काल्पनिक नहीं प्रामाणिक पर भरोसा करता हूं-रामदरश मिश्र

मैं काल्पनिक नहीं प्रामाणिक पर भरोसा करता हूं-रामदरश मिश्र

गीत, कविता, कहानियां, गजल, निबंध हर विधा में रामदरश मिश्र ने अपनी कलम चलाई है। वह नामी साहित्यकार से पहले संवेदनशील, उदार, स्नेहशील, सहज और सहृदयी व्यक्तित्व के स्वामी हैं। सन 2015 का साहित्य अकादमी पुरस्कार उनकी पुस्तक आग की हंसी के लिए देने की घोषणा हुई है। इस मौके पर साहित्य अकादमी, दिल्ली, के सभागार रामदरश मिश्र जी ‘लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम में अपने पाठकों, प्रशंसकों से रूबरू हुए।
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