पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई के इस्तीफे से माओवादी पार्टी में दो-फाड़ की आशंका तेज, भारत का सीमा पर दबाव बढ़ा, आपूर्ति रोकने से जरूरी चीजों का संकट
संविधान निर्माण प्रक्रिया को लेकर नेपाल और भारत के ताजा तनाव पर पाकिस्तान में टि्वटर पर हैशटैग #PakStandsWithNepal टॉप ट्रैंड कर रहा है। कुछ दिन पहले नेपाल ने अपना धर्मनिरपेक्ष संविधान मंजूर किया है लेकिन उसमें मधेसियों को उचित प्रतिनिधित्व न मिलने की धारणा के कारण नेपाल की तराई में हिंसा जारी है। भारत ने इस संबंध में नेपाल से अपना एतराज जाहिर किया है और कहा है कि मधेसियों का प्रश्न सुलझाए बिना नेपाल को अपना संविधान हड़बड़ी में लागू नहीं करना चाहिए था। नेपाल के कुछ तबकों में यह चर्चा रही है कि नए संविधान के तहत नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग करने वाले लोगों के पीछे भारत के कुछ संगठनों का हाथ रहा है। टि्वटर पर हैशटैग #PakStandsWithNepal के तहत पाकिस्तान में नेपाल के प्रति समर्थन जताया जा रहा है।
(नीचे चित्र में नेपाल सीमा में दाखिल होने का इंतजार करते हुए तेल के टैंकर।)
अनुशासनात्मक कार्रवाई और निष्कासन की चेतावनी से बेपरवाह एफटीआईआई के छात्रों ने कहा है कि 35 दिनों से चल रहा उनका प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती। उनकी एक प्रमुख मांग टीवी कलाकार गजेंद्र चौहान को इस संस्थान के अध्यक्ष पद से हटाने की है।
काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद जब वहां के स्थानीय समाचार पत्रों पर नजर दौड़ाई तो पाया कि भूकंप की त्रासदी की चर्चा कम, संविधान की चर्चा ज्यादा है। हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद बातचीत के क्रम में जब लोगों से जानना चाहा कि अब भूकंप के बाद क्या स्थिति है तो लोग भूकंप की बजाय देश के संविधान पर बात ज्यादा कर रहे थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक अगर भूकंप नहीं आता तो शायद राजनीतिक दल संविधान को लेकर इतनी जल्दी सक्रिय नहीं होते।
नेपाल में अर्से से लंबित संविधान क्या इस माह के अंत तक लागू हो पाएगा इसको लेकर नेपाल के सियासी गलियारे में चर्चाएं तेज हैं। क्योंकि संविधान लागू होते ही नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के साथ हुए समझौते के मुताबिक सीपीएन-यूएमएल के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होगा और इसके नेता केपी ओली नेपाल के नए प्रधानमंत्री बनेंगे।
नेपाल के राजनीतिक दल नए संविधान को अंगीकार करने के मुहाने पर पहुंच गए हैं। नेपाल की संविधान मसौदा समिति ने एक बड़ी सफलता के तहत लंबे समय से लंबित संविधान के प्रथम मसौदे को मंजूरी दे दी है। इस संविधान के लागू हो जाने पर नेपाल को एक धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और विविध जातीय देश के रूप में पहली बार मान्यता मिलेगी।
25 अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप से व्यापक तबाही हुई है। इससे नेपाल में महात्रासदी की स्थिति पैदा हो गई है। भूकंप के एक माह से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद लगातार कंपन जारी है। बारह अप्रैल को 7.3 रेक्टर की तीव्रता ने स्थिति को जटिल बनाने के साथ ही लोगों का सामान्य जीवन तबाह कर दिया है। भारी संख्या में लोग खुले आसमान के नीचे राते गुजारने के लिए बाध्य हैं। पीड़ितों के पास अब तक पर्याप्त राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है। दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थिति और भी भयावह है। सरकारी मदद अब तक इन स्थानों तक नहीं पहुंची है। राज्य सरकारों की अनुपस्थिति ने शासकीय शून्यता को जन्म दिया है। वर्षों से वहां पर नौकरशाहों का राज है। स्थानीय स्तर पर निर्वाचित और उत्तरदायी शासन के अभाव ने राहत कार्यों में गंभीर स्थिति को जन्म दिया है।
नेपाल और भारत में बाढ़ का खतरा टल गया है क्योंकि भूस्खलन की वजह से नदी का रूका हुआ पानी सामान्य रूप से बहने लगा है। जिस मलबे ने इसे रोका हुआ था वह बह गया है।
नेपाल में भूकंप के सात झटकों ने एक बार फिर हिमालय क्षेत्र को दहला दिया है। ताजा झटकों में मरने वालों की संख्या 136 हो गई है। रिक्टर पैमाने पर 5. 7 की तीव्रता वाले भूकंप के झटके समूचे उत्तर बंगाल, बिहार और सिक्किम में आज शाम पांच बजकर पांच मिनट पर महसूस किए गए। भूकंप प्रभावित नेपाल में राहत अभियान के दौरान पर्वतीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त अमेरिकी मरीन हेिलकाॅप्टर के मलबे से आठ सैनिकों के झुलसे हुए शव बरामद हुए हैं।