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चर्चा : मनमोहन के रेगिस्तान में मोदी की नई फसल। आलोक मेहता

चर्चा : मनमोहन के रेगिस्तान में मोदी की नई फसल। आलोक मेहता

मनमोहन सिंह ने आधुनिक अर्थव्यवस्था के नाम पर अपने कदमों से कांग्रेस की जमीन को रेगिस्तान में बदला। नरेन्द्र मोदी की सरकार ने उसी जमीन पर अच्छी फसल के लिए हवा-पानी का इंतजाम नए वित्तीय वर्ष के बजट से कर दिया।
बजटः दलित-आदिवासियों को नहीं मिले हिस्से के 75,773 करोड़ रुपये

बजटः दलित-आदिवासियों को नहीं मिले हिस्से के 75,773 करोड़ रुपये

दोनों समुदाय में बजट में आवंटन को लेकर नाराजगी, स्पेशल कंपोनेट प्लान और ट्राइबल सब-प्लान के तहत कुल योजना बजट का 25 फीसदी आवंटन की थी अपेक्षा
रेल बजट में बड़ी योजनाओं की हो सकती है घोषणा

रेल बजट में बड़ी योजनाओं की हो सकती है घोषणा

रेल बजट में बड़े पैमाने पर नई क्षमता के सृजन पर जोर दिये जाने और इसके लिए आवंटन बढा कर लगभग 1.25 लाख करोड़ रपये किये जाने की संभावना है। इनमें से बड़ा हिस्सा रेल बजट के इतर स्रोतों से जुटाए जाएंगे। रेल बजट 2015-16 गुरुवार 25 फरवरी को प्रस्तुत किया जाएगा।
आम बजट 29 फरवरी को, चार दिन पहले रेल बजट

आम बजट 29 फरवरी को, चार दिन पहले रेल बजट

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में बजट सत्र की घोषणा कर दी गई है। बजट के विस्तृत कार्यक्रमों के मुताबिक संसद का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होगा। रेल बजट 25 फरवरी को, आर्थिक सर्वेक्षण 26 फरवरी और आम बजट 29 फरवरी को पेश होगा।
एयर इंडिया: 90 मिनट से पहले मांसाहारी खाना नहीं

एयर इंडिया: 90 मिनट से पहले मांसाहारी खाना नहीं

घाटे में चल रहा सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया ने अपनी घरेलू उड़ानों में मांसाहारी भोजन नहीं परोसने का फैसला किया है। एक जनवरी से 90 मिनट की दूरी तक की यात्रा के दौरान एयर इंडिया अपनी उड़ानों में इकॉनमी क्लास के यात्रियों को मांसाहार भोजन नहीं देगा। राष्ट्रीय विमान सेवा कंपनी ने अपने दिन और रात्रि भोजन के मेन्यु से चाय और कॉफी दोनों को हटाने का भी फैसला किया है।
ठंडा माने एक अधूरी इच्छा

ठंडा माने एक अधूरी इच्छा

5 अक्टूबर 1955 को जन्म। छह कहानी संग्रह, 3 उपन्यास और एक कविता संग्रह। पहली कहानी सन 1978 में सारिका में प्रकाशित। दूरदर्शन और आाकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों द्वारा कहानियों पर टेलीफिल्म और रेडियो नाटकों का निर्माण। कई कहानियों का भारतीय भाषाओं और विदेशी भाषाओं में कहानियां अनूदित।
चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

यह किस्सों का संकलन है। मुजफ्फरपुर बिहार में तवायफों की एक 100 साल से पुरानी बस्ती है चतुर्भुज स्थान, जो बहुत प्रसिद्ध रहा है। उसके 100 साल के इतिहास को जानने-समझने की एक विनम्र कोशिश है यह किताब। इसमें उनके उत्थान के किस्से हैं, उनके पतन की नजीरें हैं। कोठागोई का एक उद्देश्य है आज की पीढ़ी का परिचय कोठों की उस संस्कृति से करवाना जो कभी तहजीब का केंद्र होता था, बाद में उसका रूप, उसकी पहचान बदलती गई। इसमें उन किरदारों के सुख हैं, दुःख हैं, गीत है, संगीत है जिनको न इतिहास ने याद किया न संस्कृति के अलंबरदारों ने। इस किताब का प्रकाशन वाणी प्रकाशन से हो रहा है।
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