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वर्दी और बंदूक के लिए बनते हैं नक्सली: अध्ययन

वर्दी और बंदूक के लिए बनते हैं नक्सली: अध्ययन

नक्सल प्रभावित राज्यों में हुए एक अध्ययन के मुताबिक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के नवयुवक सैनिकों की तरह पोशाक और हथियार के मोहवश नक्सल आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित शासकीय विज्ञान महाविद्यालय के रक्षा विज्ञान विभाग के प्रमुख गिरीश कांत पांडेय के नेतृत्व में शोधार्थियों का एक दल शोध कर रहा है और यह जानने का प्रयास कर रहा है कि युवा वर्ग नक्सली आंदोलन के प्रति क्यों आकर्षित हो रहे हैं।
डेंगू : बिस्तरों की मांग पूरी करने के लिए जूझ रहे अस्पताल

डेंगू : बिस्तरों की मांग पूरी करने के लिए जूझ रहे अस्पताल

दिल्ली में पांच साल में डेंगू के सबसे बुरे प्रकोप के चलते यहां अस्पतालों को मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है जबकि चिकित्सक शिकायत कर रहे हैं कि वे काम के बोझ से दबे जा रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने वेक्टर-जनित रोग को नियंत्राण करने के लिए उपाय तेज कर दिए हैं, लेकिन स्थिति को पूरी तरह काबू में किया जाना अभी बाकी है, क्योंकि डेंगू के मामलों की संख्या 2,000 तक पहुंचने को है।
पाक सीनेट अध्यक्ष ने सैन्य तख्तापलट को लेकर दी चेतावनी

पाक सीनेट अध्यक्ष ने सैन्य तख्तापलट को लेकर दी चेतावनी

पाकिस्तान के सीनेट अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि सेना ने अगर फिर से तख्ता पलट करने की कोशिश की तो उसे संवैधानिक तरीके से रोका जाएगा। पाकिस्तान में सेना द्वारा तख्ता पलट किए जाने की कई घटनाएं हो चुकी हैं और आजादी के बाद से अब तक 68 साल में से लगभग आधे समय देश में सैन्य शासन रहा है।
दक्षिण चीन सागर में ताकत दिखा रही है चीन की नौसेना

दक्षिण चीन सागर में ताकत दिखा रही है चीन की नौसेना

अमेरिका के साथ क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच चीनी नौसेना ने विवादित दक्षिण चीन सागर में 10 दिन का सैन्य अभ्यास शुरू किया है। इस अभ्यास के महत्व को कम तवज्जो देते हुए चीनी सेना ने कहा है कि यह कल हेनान प्रांत में शुरू हुआ था और किसी पड़ोसी देश के खिलाफ निर्देशित नहीं है।
भुट्टो हत्याकांड में बरी हो सकते हैं मुशर्रफ

भुट्टो हत्याकांड में बरी हो सकते हैं मुशर्रफ

पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को सबूतों की कमी के चलते बेनजीर भुट्टो हत्याकांड में बरी किया जा सकता है। मुशर्रफ के वकील ने मंगलवार को बताया कि मामले के प्रमुख गवाह उन्हें आरोपित करने वाले अपने बयानों से पलट गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री भुट्टो की 2007 में रावलपिंडी में हत्या कर दी गई थी। वह एक चुनावी रैली को संबोधित करके एक पार्क से बाहर निकल रहीं थीं।
हेमा मालिनी कार दुर्घटना मामलाः पीड़ित परिवार हताश

हेमा मालिनी कार दुर्घटना मामलाः पीड़ित परिवार हताश

भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी की कार दुर्घटना में मारी गई दो साल की बच्ची के पिता शोकाकुल हैं जबकि उसकी घायल मां एक ही रट लगा रही है कि चिन्नी कहां है? उसे यह पता नहीं कि उसकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है। परिवार का इससे भी ज्यादा दुख इस बात को लेकर है कि सांसद या उनके किसी सहयोगी ने उनका हाल तक जानने की कोशिश नहीं की। दूसरी तरफ, हेमा मालिनी की सेडान कार चलाने वाले ड्राइवर को अदालत से जमानत भी मिल गई है और अभिनेत्री के नाक की प्लास्टिक सर्जरी सफल रही है।
इलाज के लिए न डाॅक्टर हैं और न दवा

इलाज के लिए न डाॅक्टर हैं और न दवा

पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिले गाजीपुर में स्वास्थ्य सेवाओं का इतना बुरा हाल है कि यहां के अस्पतालों को ही इलाज की जरुरत महसूस होने लगी है। डाॅक्टर और दवा दोनों ही जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की समस्या है।
‘प्यारी मौत शुक्रिया, अरुणा को ले जाने के लिए’

‘प्यारी मौत शुक्रिया, अरुणा को ले जाने के लिए’

38 साल बाद बिना न्याय पाए अरुणा शानबाग ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। जैसे ही अरुणा शानबाग की मौत की खबर की पुष्टि हुई, सोशल मीडिया पर हैशटेग # Aruna shanbaug पर सेलिब्रिटिज समेत तमाम लोगों ने अरुणा के प्रतिं संवेदना जाहिर की। कुछ ने बलात्कार पर कानून के ढीले रवैये पर गुस्सा जाहिर किया तो कुछ ने समाज पर। इस बीच ज्यादातर लोगों ने मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) अस्पताल के स्टाफ की उन नर्सों को सलाम किया, जो बिना स्वार्थ के पिछले 38 सालों से अरुणा की सेवा कर रही थीं। फेसबुक और टि्वटर पर अरुणा को श्रद्धांजलि संबंधी कुछ टिप्पणियां-
अरुणा शानबाग की मौत और मुक्ति की जद्दोजहद

अरुणा शानबाग की मौत और मुक्ति की जद्दोजहद

पिछले 42 साल में उसने एक शब्द नहीं बोला न ही एक कदम भी वह चल पाई। जीवन के चार दशक उसने बिस्तर पर बिताए जबकि 23 साल की उम्र में उसने भी एक सुखमय विवाहित जीवन के सपने देखे थे और उसके सपने सच होने में केवल कुछ दिनों का ही फासला था। लेकिन महज एक पुरुष की हवस ने उसके जीवन को नरक में बदल दिया।
42 साल कोमा के बाद अरुणा शानबाग का निधन

42 साल कोमा के बाद अरुणा शानबाग का निधन

करीब 42 सालों से जिंदा लाश की तरह केईएम अस्पताल के वॉर्ड नंबर 4 में भर्ती अरुणा शानबाग की मौत हो गई। तीन दिन पहले उन्हें निमोनिया के चलते आईसीयू में रखा गया था।
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