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आउटलुक विशेष- पुतिन के भारत दौरे में रूस से करोड़ों के रक्षा खरीद की तैयारी

आउटलुक विशेष- पुतिन के भारत दौरे में रूस से करोड़ों के रक्षा खरीद की तैयारी

अगले सप्ताह रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन का भारत दौरा राजनयिक और रक्षा खरीद की तैयारियों के लिहाज से अहम रहने वाला है। गोवा में 16 अक्टूबर से शुरू हो रहे ब्रिक्स देशों की बैठक के एक दिन पहले पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता होनी है। रक्षा, सुरक्षा, कारोबार और निवेश को लेकर दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने का एजेंडा इस बैठक का है।
अनिल अंबानी का ज्यादा ध्यान रक्षा उत्पादन कंपनी पर

अनिल अंबानी का ज्यादा ध्यान रक्षा उत्पादन कंपनी पर

रिलायंस घराने के दोनों भाइयों के बीच करीबी बढ़ने के फौरी नतीजे दिखने लगे हैं। मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो और अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन के बीच बढ़ती साझेदारी बाद बारी रक्षा उत्पादन सेक्टर की है। संकेत हैं कि टेलीकॉम सेक्टर को बड़े भाई मुकेश अंबानी के नेतृत्व में छोड़ छोटे भाई अनिल रक्षा उत्पादन की अपनी कंपनी पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
अमेरिका और इस्राइल के बीच हुई अब तक की सबसे बड़ी सैन्य डील

अमेरिका और इस्राइल के बीच हुई अब तक की सबसे बड़ी सैन्य डील

अमेरिका ने इस्राइल के साथ अपने इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी सैन्य संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। इस संधि के तहत इस्राइल आधुनिक विमान एवं हथियार खरीदेगा और अपनी सेना की मिसाइल रक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा।
उत्तर कोरिया ने मिसाइल रोधी प्रणाली लगाने की योजना पर अमेरिका को दी धमकी

उत्तर कोरिया ने मिसाइल रोधी प्रणाली लगाने की योजना पर अमेरिका को दी धमकी

दक्षिण कोरिया में एक अमेरिकी मिसाइल रोधी प्रणाली तैनात करने की वाशिंगटन और सियोल की घोषणा से नाराज उत्तर कोरिया ने कार्रवाई करने की धमकी दी है। दक्षिण कोरिया में यह तैनाती प्योंग्पांग के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए की जानी है।
ताइवान ने गलती से चीन की ओर दागा सुपरसोनिक मिसाइल

ताइवान ने गलती से चीन की ओर दागा सुपरसोनिक मिसाइल

एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में ताइवान की तरफ से गलती से चीन की ओर एक पोत रोधी सुपरसोनिक मिसाइल दागने का मामला सामने आया है। हालांकि 75 किमी की दूरी तय करने के बाद मिसाइल ताइवान समुद्री क्षेत्र में ही गिर गया। यह घटना चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की 95वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा ताइवान की स्वतंत्रता का विरोध किए जाने के बीच सामने आई है।
भारत ने दूसरे दिन भी किया मिसाइल का परीक्षण

भारत ने दूसरे दिन भी किया मिसाइल का परीक्षण

भारत ने शुक्रवार को इस्राइल के साथ संयुक्त रूप से विकसित की गई सतह से हवा में मार कर सकने वाली नई मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। इससे एक दिन पहले ही ऐसे परीक्षण के दो चरणों को अंजाम दिया गया था।
चांदीपुर में सतह से हवा में मार सकने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण

चांदीपुर में सतह से हवा में मार सकने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण

भारत ने इस्राइल के साथ संयुक्त रूप से विकसित की गई सतह से हवा में मार करने वाली एक नई मिसाइल का गुरुवार को सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा के तट के पास स्थित रक्षा ठिकाने से किया गया। डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा कि मध्यम दूरी की मिसाइल :एमआर-एसएएम: भारत और इस्राइल के साझा उपक्रम का एक उत्पाद है। इसे चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से सुबह लगभग आठ बजकर 15 मिनट पर एक मोबाइल लाॅन्चर की मदद से दागा गया। उन्होंने कहा, यह प्रायोगिक परीक्षण सफल रहा और इसने सभी लक्ष्य पूरे कर लिए।
एमटीसीआर में शामिल होकर हम मिसाइलों पर चीन और पाक से हुए आगे

एमटीसीआर में शामिल होकर हम मिसाइलों पर चीन और पाक से हुए आगे

भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) में पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल हो गया। इसके बाद भारत आधुनिक तकनीक की मिसाइलों के मामले में चीन और पाकिस्‍तान से आगे हो गया हैं। इसके अलावा एनएसजी के लिए भी उसका दावा और मजबूत हुआ है। भारत ने कहा है कि इस समूह में उसका प्रवेश वैश्विक अप्रसार शर्तों को बढ़ाने के लिए परस्पर फायदेमंद होगा।
उत्तर कोरिया ने फिर किया मिसाइलों का परीक्षण, भड़का अमेरिका-द.कोरिया

उत्तर कोरिया ने फिर किया मिसाइलों का परीक्षण, भड़का अमेरिका-द.कोरिया

उत्तर कोरिया ने बुधवार को मध्यम दूरी के दो नए शक्तिशाली बैलिस्टिक मिसाइल मुसुदन का परीक्षण किया। हालांकि अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने दोनों परीक्षणों के विफल होने का दावा किया है। लेकिन इसके बावजूद दोनों ही देश उत्तर कोरिया द्वारा प्रतिबंधों के बावजूद ऐसे परीक्षण करने से सख्त नाराज हैं।
अब हम ब्रह्मोस जैसी उच्च तकनीकी मिसाइलें बेच सकेंगे और ड्रोन खरीद सकेंगे

अब हम ब्रह्मोस जैसी उच्च तकनीकी मिसाइलें बेच सकेंगे और ड्रोन खरीद सकेंगे

दुनिया की प्रमुख मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) में भारत के शामिल होने के बाद अब हम अपनी ब्रह्मोस जैसी उच्च तकनीकी मिसाइलें मित्र देशों को बेंच सकेंगे। साथ ही अमेरिका से ड्रोन विमान खरीद सकेंगे। एमटीसीआर के सदस्यों ने भारत को समूह में शामिल करने पर सहमति जताई। 34 सदस्‍य देशों में से किसी ने भारत का विरोध नहींं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के संदर्भ में इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
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