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यशवंत सिन्हा को कांग्रेस का समर्थन, कहा- हमने जब यही सवाल उठाए तो चुप रहने को कहा गया

यशवंत सिन्हा को कांग्रेस का समर्थन, कहा- हमने जब यही सवाल उठाए तो चुप रहने को कहा गया

भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा अपनी पार्टी की सरकार की आलोचना करते हुए लिखे गए...
इस बार चीन भागेगी हैप्पी

इस बार चीन भागेगी हैप्पी

चाइना प्रोडक्ट डाउन-डाउन के कितने भी नारे लगा लो, लेकिन यह सच है कि हिंदी फिल्मों के लिए चीन नया बाजार बन कर उभरा है। दंगल की सफलता ने इसे साबित भी कर दिया है।
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा बोले: ‘GST मेरी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा’

पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा बोले: ‘GST मेरी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा’

पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने जीएसटी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने जीएसटी में सुधार की जरूरत बताई है।
राष्ट्रपति पद के लिए शत्रु ने लिया आडवाणी का नाम, शाह की समिति तलाश रही उम्मीदवार

राष्ट्रपति पद के लिए शत्रु ने लिया आडवाणी का नाम, शाह की समिति तलाश रही उम्मीदवार

तारीख घोषित होते ही राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सक्रियता बढ़ गई है। भाजपा नेता और सांसद शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि लालकृष्‍ण आडवाणी इस पद के लिए सबसे योग्‍य उम्मीदवार हैं. सोमवार को ही अमित शाह ने राष्ट्रपति उम्मीदवार पर सहमति बनाने के लिए तीन सदस्यों की एक समिति गठित की थी।
जिस लालू के बचाव में नीतीश नहीं उतरे उसके बचाव में भाजपा के 'शत्रु' कूद पड़े: सुशील मोदी

जिस लालू के बचाव में नीतीश नहीं उतरे उसके बचाव में भाजपा के 'शत्रु' कूद पड़े: सुशील मोदी

बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे लालू प्रसाद यादव और दिल्ली के सीएम केजरीवाल को लेकर ट्वीट किया। जिस पर सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जिस लालू के बचाव में नीतीश नहीं उतरे उसके बचाव में भाजपा के 'शत्रु' कूद पड़े।
बेनूर है नूर

बेनूर है नूर

कुल ड्रेसेस, कूल डायलॉग, कूल फ्रेंड्रस। ऐसा लगता है कि कॉलेज मस्ती की कोई डॉक्यूमेंट्री चल रही है और बस दर्शक 146 मिनट खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। सब कुछ इतना कूल है कि फिल्म कोल्ड स्टोरेज से निकाली गई मालूम पड़ती है। नूर फिल्म की समीक्षा बस इतनी ही है। फिल्म है तो थोड़े बहुत ट्विस्ट एंड टर्न्स तो होंगे ही। निर्देशक ने अपने चरित्रों को स्थापित करने और कहानी समझाने में ही आधा वक्त बर्बाद कर दिया है। धीमी रफ्तार तो बस जान ही ले लेती है।
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