कानून की डिग्री हासिल करने में धोखाधड़ी और जालसाजी करने के आरोपों में मंगलवार पूर्वाह्न गिरफ्तार किए गए दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को साकेत कोर्ट ने चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस अब तोमर को दोनों संबंधित यूनिवर्सिटी में ले जाकर जांच करेगी।
भारत-पाकिस्तान विवादों में ताजा कड़ी जुड़ गई। पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर के गिलगित- बालतिस्तान क्षेत्र में नया चुनाव करा रहा है। मालूम हो कि अपने हिस्से वाले कश्मीर को पाकिस्तान अनेक अलग-अलग टुकड़ों में पहले ही बांट चुका है जिनमें एक गिलगित-बालतिस्तान है। पाकिस्तान एक हिस्सा चीन को सौंप चुका है। दो अन्य हिस्से हैं – हुंजा या उत्तरी इलाके और पाक अधिकृत कश्मीर जिसमें मीरपुर और मुजफ्फराबाद के क्षेत्र हैं। भारत सरकार इस मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज करा चुकी है। इस तथा अन्य मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, जम्मू-कश्मीर के पार्टी प्रभारी और भारतीय जनता पार्टी में विदेशी मामलों को देख रहे राम माधव ने आउटलुक हिंदी से बात की।
स्विट्जरलैंड में आधिकारिक तौर पर ताजा सार्वजनिक किए गए बीसियों विदेशी स्विस बैंक खाता धारकों में मात्र पांच भारतीय खाताधारकों के होने से एक बार फिर साफ हो चला है कि विदशों में अवैध धन जमा कराने वाले भारतीयों के मामले में दिखावटी शोर ज्यादा और वास्तविक कार्रवाई कम हो रही है।
पिछले दो सालों में संघीय कानून अनुपालन एजेंसियों ने 567 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेजा है जबकि 6,360 भारतीयों को इसी अवधि में अमेरिका में घुसने की कोशिश करने के दौरान अमेरिकी सीमा पर हिरासत में लिया गया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली जल्द ही सरकारी बैंकों के साथ बैठक कर उनमें हिस्सेदारी की बिक्री और बढ़ते एनपीए (बट्टे खाते में पड़ा धन) की समस्या पर चर्चा करेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए बढ़कर 2.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा, बैंक मुझसे मिलने आ रहे हैं। कुछ बैंक तात्कालिक मुद्दों के संबंध में मुझसे मुलाकात करने आ रहे हैं।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड समेत कई प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने भारतीय हज कमेटी द्वारा इस साल हज यात्रा पर जाने वाले लोगों से कुरबानी के लिए पहले ही धन वसूले जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए इसे गैर-शरई करार दिया है।
बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय खंड पीठ के सामने जिस तरह सरकार और पीठ के बीच तीखे शब्दों का आदान-प्रदान हुआ, उसे देखते हुए अब तक फुसफुसाए जा रहे कुछ सवाल थोड़ा ज्यादा जोर से सुनाई पडऩे लग गए हैं। क्या कार्यपालिका और न्यायपालिका एक बड़े टकराव की ओर बढ़ रही हैं? क्या संसद ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) विधेयक पारित करने में हड़बड़ी दिखाई ?