मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 16 अक्टूबर को युवा कथाकार पंकज सुबीर के बहुचर्चित उपन्यास अकाल में उत्सव पर केंद्रित एक पुस्तक चर्चा का आयोजन किया गया है।
दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को अविस्मरणीय छाप छोड़ने वाले उनके उपन्यास द वेजिटेरियन के लिए प्रतिष्ठित मैन बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया है। उनका यह उपन्यास एक महिला द्वारा मानवीय निर्ममता को खारिज करने और मांस का सेवन छोड़ने पर आधारित है।
भूतों के किस्से सुनने में किसे मजा नहीं आता। दादी-नानी की कहानियों में परियों के अलावा भूत भी स्थायी रूप से होते ही थे। भारत में कई जगहें ऐसी हैं, जिनके बारे में प्रचलित है कि वहां भूत रहते हैं। खंडहर हवेलियों की छोड़िए कई गेस्ट हाउस भी भूतों के डेरों के तौर पर मशहूर हैं। फ्रांस के वाणिज्य महादूत फैब्रिसे एतीयेन की ख्वाहिश इन्हीं गुम किस्सों को जिंदा करने की थी। उनकी इच्छा थी कि भूतों की इन कहानियों को संग्रहित किया जाए। इसलिए उन्होंने कोलकाता के अतीत को खंगालने का बीड़ा उठाया।
विमलेश त्रिपाठी के उपन्यास 'कैनवास पर प्रेम ' के नाम ने आकर्षित किया था। नाम से कहानी का जो कुछ अंदाजा होता है वह ठीक-ठीक होते हुए भी उससे बहुत अलग भी है।