प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का ऐलान करते वक्त जो मकसद बताए थे, वे रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में खारिज होते दिखते हैं। अगर सरकार हकीकत को स्वीकार किए बगैर अपने तर्क देती रही तो अच्छे दिन की ओर बढ़ना आसान नहीं होगा।
सउदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन जैसे गल्फ देशों ने इसी साल कतर के साथ अपने संबंध समाप्त कर लिए। इन देशों का आरोप है कि कतर इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा जैसे संगठनों का समर्थन करता है।
केंद्र सरकार में ग्रामीण और शहरी विकास मंत्रालयों की जिम्मेदारियां संभाल रहे नरेंद्र सिंह तोमर की गिनती भाजपा के कद्दावर नेताओं में होती है। मध्यप्रदेश से आकर राष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले तोमर पार्टी के लिए संकटमोचक का काम भी करते रहे हैं।
एनडीए की ओर से बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने को बेहद अप्रत्याशित माना जा रहा है। हालांकि ‘आउटलुक’ के 8 मई 2017 के अंक में छपी एक स्टोरी में वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त ने लिखा था कि राष्ट्रपति के लिए भाजपा की ओर से रामनाथ कोविंद का नाम भी चल रहा है।
तीन साल पूरे होने का जश्न मना रही मोदी सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर बेरोजगारी ने बड़ा दाग लगा दिया है। देश में नए रोजगार पैदा होने की दर आठ साल के न्यूनतम स्तर पर आ गई है। आठ प्रमुख औद्याेेगिक क्षेत्रों में नौकरियों का बुरा हाल है, जिनमें पिछले साल केवल 1.1 फीसदी नौकरियां बढ़ी हैैं।
दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार के बाद पार्टी में मचे कोहराम से यह सवाल शिद्दत से खड़ा हो गया है कि क्या आम आदमी पार्टी बिखर जाएगी? क्या नई राजनीति की डाल उसके हाथ से छूट गई है? ऐसे सवालों पर अरविंद केजरीवाल के बाद आप के सबसे कद्दावर नेता, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया फौरन कहते हैं, ‘‘टीवी बहस में तो हजारों बार दफन की जा चुकी है आप।’’ उन्हें पूरा भरोसा है कि आप जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगी। आउटलुक के संपादक हरवीर सिंह के साथ बातचीत में सिसोदिया ने विस्तार से पार्टी की हार के कारणों और आगे की रणनीति पर चर्चा की। प्रमुख अंश: