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व्यापार की राह पर खेती

व्यापार की राह पर खेती

विकास के तमाम दावों और चकाचौंध के बीच खेती और किसानी चर्चा के पाएदान पर ही रहती है। केंद्र सरकार के एक साल पूरे होने पर जहां तमाम दूसरे क्षेत्रों की सघन पड़ताल हो रही है, वहीं कृषि पर तवज्जो कम रही। वह भी तब जब पिछले तीन-चार महीने से मौसम की मार की वजह से फसल बर्बाद होने और किसानों की आत्महत्या ने देश का ध्यान बरबस ही गहराते कृषि संकट की ओर खींचा था। नरेंद्र मोदी सरकार को एक साल में किसानों की आत्महत्या, मुआवजा, भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर विपक्षी दलों ने घेरने की लगातार कोशिश की और इसी पर केंद्र सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। इन तमाम ज्वलंत सवालों और संकट से बाहर निकलने की सरकार की रणनीति पर बिहार के मोतिहारी से पांच बार से सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से बातचीत के प्रमुख अंश
भीषण गर्मी के बाद मानसून ने कराया इंतजार

भीषण गर्मी के बाद मानसून ने कराया इंतजार

मौसम विभाग के अनुमानों पर पानी फेरता हुए मानसून पिछले हफ्ते भर से श्रीलंका के आसपास ठहरा हुआ है। मौसम विभाग ने अब 4 जून तक मानसून के केरल तट पर पहुंचने की उम्‍मीद जताई है।
आइफा अवॉर्ड होस्ट करेंगे रणवीर और अर्जुन

आइफा अवॉर्ड होस्ट करेंगे रणवीर और अर्जुन

इस साल आइफा पुरस्कारों की मेजबानी रणवीर सिंह के साथ करने को लेकर उत्साहित अभिनेता अर्जुन कपूर को इस बात की खुशी है कि राम लीला के अभिनेता रणवीर के साथ उनके तालमेल को दर्शको ने पसंद किया है।
मोदी राज में 64 फीसदी तक महंगी हुई दालें

मोदी राज में 64 फीसदी तक महंगी हुई दालें

मोदी सरकार के एक साल के दौरान विभिन्‍न महानगरों में दालों के दाम 64 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। महंगाई से राहत के तमाम दावों के बावजूद आम आदमी पर महंगाई की मार बदस्‍तूर जारी है।
कुछ सवाल जो पनगढ़िया छिपा गए

कुछ सवाल जो पनगढ़िया छिपा गए

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने अपने ब्लॉग में देश की आर्थिक तरक्की का जिक्र किया है और इसमें कृषि को छोड़ अन्य दूसरे क्षेत्रों का योगदान बताया है। लेकिन उन्होंने यह जिक्र करना शायद उचित नहीं समझा कि पिछले जिस दशक के दौरान अर्थव्यवस्‍था में सबसे तेज विकास हुआ, उसी अवधि में रोजगार की विकास दर सबसे धीमी क्यों रही?
किसानों को आज फिर टिकैत जैसे नेता की जरुरत

किसानों को आज फिर टिकैत जैसे नेता की जरुरत

चौ. टिकैत के आन्दोलन में न तो नेताओं की भरमार थी और न पदाधिकारियों की कतार। इस आन्दोलन में शामिल हर व्‍यक्ति सिर्फ किसान था। चौ. टिकैत जनता के बीच से आए थे और अाखिरी दम तक जनता के बीच रहे। यही सादगी और खरापन उनकी पहचान बन गया। उनकी मृत्यु के बाद किसान आन्दोलन में पैदा खालीपन की भरपाई आज तक नहीं हो पाई है।
पुरस्कारों के लिए करनी पड़ती है लाॅबिंग: रामदेव

पुरस्कारों के लिए करनी पड़ती है लाॅबिंग: रामदेव

पुरस्कारों में लॉबिंग को लेकर बाबा रामदेव ने हमला बोला है। रामदेव का कहना है कि पद्म पुरस्कारों और नोबेल पुरस्कार तक के लिए भी चयन की प्रक्रिया में बहुत लाॅबिंग होती है और जिनके पास राजनीतिक रसूख होता है वे इसे पाने में सफल होते हैं। हाल ही में योगगुरू ने पद्म विभूषण को स्वीकार करने से मना कर दिया था।
धर्मान्धता के इस दौर में विनोद मेहता की कमी खलेगीः सोनिया गांधी

धर्मान्धता के इस दौर में विनोद मेहता की कमी खलेगीः सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आउटलुक समूह के दिवंगत संस्थापक संपादक विनोद मेहता को जी.के.रेड्डी मेमोरिअल अवार्ड दिया, जिसे विनोद मेहता की पत्नी सुमिता मेहता ने स्वीकार किया। दिल्ली के जवाहर भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल हुए।
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