रिमझिम गिरे सावन,मेरे नैना सावन भादों, ओ मेरे दिल के चैन, करवटें बदलते रहे, तुझसे नाराज नही जिंदगी, तुम आ गए हो नूर आ गया है या यम्मा-यम्मा या जय-जय - शिवशंकर जैसे थिरकने वाले गीत, पर शायद ही कभी जानने की कोशिश की हो, कि आखिर कौन था वो चितेरा जिसने ऐसा कालजयी संगीत दिया।
राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा से पहले सभी सियासी दल अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस समेत केन्द्र के अन्य विपक्षी दल एक होने की कवायद कर रही है, वहीं शिवसेना ने एनसीपी नेता शरद पवार को राष्ट्रपति बनाने की मांग की है।
चेतेश्वर पुजारा बड़े शाट खेलने वाले खिलाडि़यों से भरी भारतीय टीम में जिस तरह धैर्यपूर्ण तरीके के साथ लंबी पारियां खेलते हैं उसके लिए महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने उनकी तारीफ करते हुए उन्हें मूक योद्धा करार दिया है।
देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के लिए इस साल चुने गए सात लोगों में शामिल एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपना पुरस्कार किसानों को समर्पित करते हुए कहा कि उनके 50 साल से ज्यादा लंबे राजनीतिक करियर के दौरान कृषि क्षेत्र में किए गए कामों को देश ने मान्यता दी है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को इस साल देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा जाएगा। पवार की पार्टी एनसीपी को कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करप्ट पार्टी कहा था।
नोटबंदी पर विपक्षी दलों की एकता को कायम रखने की कांग्रेस की कोशिशों को झटका लगा है। विपक्षी दलों की 27 दिसंबर को बैठक के बाद अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए भेजे गए निमंत्रण पर वामदलों व नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड ने असमर्थता जताई। शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी इसमें भाग लेने से इनकार किया है।
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है। पवार ने नोटबंदी की बहस में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को घसीटने को लेकर मोदी को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा, मोदी खुद को इंदिरा गांधी से बड़ा नेता पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि नोटबंदी के कारण रबी फसल की बुवाई प्रभावित हुई है क्योंकि किसान नकदी की कमी के कारण बेहतर गुणवत्ता के बीज और उर्वरक नहीं खरीद पा रहे हैं। शुरू में किसानों से सरकार के कदम का स्वागत किया था लेकिन बाद में वे नये नोटों की कमी के कारण अप्रसन्न हैं।
महाराष्ट्र में मराठा समाज के लोगों द्वारा राज्य भर में निकाले जा रहे मौन जुलूस को लेकर राकांपा प्रमुख शरद पवार पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने मगंलवार को उनसे पूछा कि जब उनकी पार्टी राज्य और केंद्र में सत्ता में थी तो उसने समाज की मांगों को पूरा करने के लिए क्यों कुछ नहीं किया।