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भारत में 83 लाख से ज्यादा आधुनिक गुलाम

भारत में 83 लाख से ज्यादा आधुनिक गुलाम

भारत में बंधुआ मजदूरी, वेश्यावृत्ति और भीख जैसी आधुनिक गुलामी के शिकंजे में एक करोड़ 83 लाख 50 हजार लोग जकड़े हुए हैं। इस तरह दुनिया में आधुनिक गुलामी से पीड़ितों की सबसे ज्यादा संख्या भारत में है। दुनिया भर में ऐसे गुलामों की तादाद तकरीबन चार करोड़ 60 लाख है।
छत्तीसगढ़ में बस पुल से नीचे गिरी, 16 यात्रियों की मौत, 53 घायल

छत्तीसगढ़ में बस पुल से नीचे गिरी, 16 यात्रियों की मौत, 53 घायल

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में बुधवार देर रात एक यात्री बस के पुल से नीचे गिरने से उसमें सवार 16 लोगों की मौत हो गई है तथा 53 अन्य घायल हो गए हैं।
राहुल ने पूछा, किसानों के अच्छे दिन कब आएंगे

राहुल ने पूछा, किसानों के अच्छे दिन कब आएंगे

ओडिशा में किसान बचाओ पदयात्रा की शुरुआत करते हुए राहुल गांधी ने आज नरेंद्र मोदी सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि किसानों के लिए अच्छे दिन कब आएंगे।
चीन पर मंडराया साउडलर का खतरा, 1.58 लाख लोग निकाले गए

चीन पर मंडराया साउडलर का खतरा, 1.58 लाख लोग निकाले गए

चीन ने अपने दक्षिणपूर्वी फुजियान प्रांत की ओर तेजी से बढ़ रहे साउडलर तूफान से बचाव की कोशिशें तेज कर दी हैं। इसके मद्देजनर 1.58 लाख लोगों को उनके घरों से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। यह तूफान आज किसी समय इस प्रांत में कहर बरपाएगा।
प्रकृति के साथ अवसाद की न हो बात

प्रकृति के साथ अवसाद की न हो बात

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो प्राकृतिक माहौल में सैर करने से अवसाद से दूर रहा जा सकता है। जो लोग अवसाद में रहते हैं और शहरी इलाकों या बहुत भीड़ वाली जगह पर रहते हैं या ऐसी ही जगहों पर सैर करते हैं उन्हें सलाह है कि प्रकृति के थोड़ा करीब जाएं।
रमजान और पकवान

रमजान और पकवान

रमजान का महीना है और पुरानी दिल्ली की संकरी गलियों से आती लजीज पकवानों की खुशबू लोगों को अपनी ओर खींच रही है। पकवानों की यह खुशबू रोजेदारों के साथ साथ पर्यटकों को भी दिल्ली की एक ऐतिहासिक यात्रा पर ले जाती है जहां उनका साक्षात्कार मुगलकालीन के व्यंजनों से हो रहा है।
इमरजेंसी के अहम किरदार और उनकी भूमिकाएं

इमरजेंसी के अहम किरदार और उनकी भूमिकाएं

40 साल पहले आपातकाल के रूप में हुई लोकतंत्र की हत्‍या के लिए अक्‍सर तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी के नाम ही सामने आते हैं। लेकिन इन दोनों के अलावा भी कई अहम किरदार आपातकाल में अहम भूमिका निभा रहे थे।
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