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आपसी सहयोग बढ़ाने का एजेंडा लेकर भारत पहुंचे प्रचंड

आपसी सहयोग बढ़ाने का एजेंडा लेकर भारत पहुंचे प्रचंड

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर गुरुवार को भारत पहुंचे। उनकी इस तीन दिवसीय यात्रा का मकसद भारत और नेपाल के संबंधों में आई कड़वाहट को दूर करने के साथ ही भूकंप के बाद पुनर्निर्माण, पनबिजली परियोजनाएं और सड़क निर्माण के लिए भारत से मदद मांगना है।
लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ की बहस में पीएम मोदी निर्णायक मोड़ की ओर

लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ की बहस में पीएम मोदी निर्णायक मोड़ की ओर

लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ-साथ कराए जाने की बहस को मोदी सरकार अब निर्णायक मोड़ पर ले जाने वाली है। पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से पब्लिक फोरम में इस मुद्दे को रखने और बाद में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का भी सहयोग मिलने से केंद्र सरकार अब आम राय के जरिए दूसरे अन्‍य दलों पर मसले में साथ आने का दबाव डालने वाली है। सरकार को 3 दिनों के अंदर 6000 से अधिक लोगों ने अपनी राय दी है। इनमें अधिकतर ने दोनों चुनाव को साथ कराने के प्रस्ताव को समर्थन दिया है।
मोदी का 'अच्‍छे दिन' का नारा गडकरी की नजर में गले की हड्डी

मोदी का 'अच्‍छे दिन' का नारा गडकरी की नजर में गले की हड्डी

2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी का नारा था अच्छे दिन। केंद्र में सरकार बने महज एक साल ही हुआ था कि भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने इसे एक जुमला बता दिया था। अब मोदी सरकार के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 'अच्छे दिन' के नारे को सरकार के गले में फंसी हड्डी बता दिया।
नेपाली पीएम दहल चीन के बजाए भारत पहले आ रहे, अंदाज भी है नरम

नेपाली पीएम दहल चीन के बजाए भारत पहले आ रहे, अंदाज भी है नरम

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्‍प कमल दहल प्रचंड अगस्त में पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए चीन की जगह भारत को चुना। प्रचंड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर 15 से 18 सितंबर तक भारत के दौरे पर होंगे। प्रचंड का अंदाज भी पहले के मुकाबले नरम है। लिहाजा यह यात्रा भारत-नेपाल संबंधों को लेकर काफी महत्‍वपूर्ण होगी।
संविधान संशोधन हमारा आंतरिक मामला : नेपाली विदेश मंत्री

संविधान संशोधन हमारा आंतरिक मामला : नेपाली विदेश मंत्री

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की भारत यात्रा से पहले आज नेपाल ने साफ कर दिया है कि संविधान संशोधन का मुद्दा नेपाल का आंतरिक मामला है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को पूर्व में उपजे नाकेबंदी जैसे मसलों पर आत्मचिंतन करना चाहिए।
ईद उल जुहा की पूर्व संध्या पर बाजारों में रौनक, राष्ट्रपति ने दी बधाई

ईद उल जुहा की पूर्व संध्या पर बाजारों में रौनक, राष्ट्रपति ने दी बधाई

देश भर में कल ईद उल जुहा (बकरीद) मनाने की तैयारी चल रही है। बाजारों और दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी कुर्बानी के इस पर्व की पूर्व संध्या पर देश के नागरिकों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि यह त्योहार समाज में सार्वभौमिक भाईचारे, शांति एवं सौहार्द को बढ़ाने के लोगों के प्रयासों को मजबूत करेगा।
केंद्र की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने अरूणाचल के राज्यपाल को बर्खास्त किया

केंद्र की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने अरूणाचल के राज्यपाल को बर्खास्त किया

अपना पद छोड़ने से इनकार करने वाले अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल जेपी राजखोवा को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बर्खास्त कर दिया। राज्यपाल को पद से हटाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी।
एक साथ चुनाव कराने पर जनता की राय पूछ रही है सरकार

एक साथ चुनाव कराने पर जनता की राय पूछ रही है सरकार

क्या लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना वांछित है। इस सवाल के साथ-साथ सरकार ने इसी मुद्दे से जुड़े अन्य कई सवालों को अपनी वेबसाइट माईगोव डॉट कॉम पर पोस्ट किया है ताकि वह आम जनता समेत सभी लोगों के विचार जान सके। इस मुद्दे पर अपने विचार देने की अंतिम तिथि 15 अक्तूबर है।
राष्ट्रपति को जीएसटी परिषद जल्द गठित होने की उम्मीद

राष्ट्रपति को जीएसटी परिषद जल्द गठित होने की उम्मीद

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द ही जीएसटी परिषद का गठन करेगी और अप्रत्यक्ष करों के गहन असर को कम करेगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से भारत की दो हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था और 1.3 अरब उपभोक्ता सभी पहली बार एक साझा बाजार में तब्दील हो जाएंगे।
प्रचंड के भारत दौरे से नेपाल की चीन नीति में `यू-टर्न’ के आसार

प्रचंड के भारत दौरे से नेपाल की चीन नीति में `यू-टर्न’ के आसार

दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पुष्प कुमार दहल प्रचंड 15 सितंबर से तीन दिन के आधिकारिक दौरे पर भारत आ रहे हैं। भारत और नेपाल के संबंधों को लेकर प्रचंड का एजेंडा कितना सकारात्मक होगा- यह सवाल राजनयिक और राजनीतिक गलियारों में शिद्दत से चक्कर काट रहा है। प्रचंड के पूर्ववर्ती के.पी. शर्मा ओली का चीन के प्रति झुकाव जगजाहिर रहा है। इस कारण नेपाल में भारत के प्रति दुर्भावना बढ़ी है। ऐसे में प्रचंड की प्राथमिक चुनौती भारत के साथ संबंधों की नीतियां दुरुस्त करना होगी।
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