अपने कुछ पुराने नोट बदलवाने में सफल नहीं होने पर एक गरीब और हताश महिला ने बुधवार को दिल्ली में आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय के सामने अपने कपड़े उतार कर विरोध जताया।
नए साल के पहले दिन रसोई गैस सिलेंडर से लेकर पेट्रोल, डीजल तक सभी कुछ महंगा हो गया। सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल के दामों में 1.29 रुपये और डीजल के दामों में 97 पैसे प्रति लीटर का इजाफा कर दिया है।
आरबीआई ने चलन से बाहर किए गए उच्च मूल्य के पुराने नोट बदलने के वास्ते प्रवासी भारतीयों सहित उन लोगों के लिए कुछ अन्य शर्तें जारी की जो 30 दिसंबर तक ऐसा करने में असफल रहे थे।
चलन से बाहर किये गये 500-1000 रुपये के पुराने नोट रखने वालों पर अब जुर्माना लगेगा। उन्हें जेल की सजा भी हो सकती है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस तरह के प्रावधान वाले अध्यादेश को मंजूरी दी है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बैंकों में पुराने नोट जमा करने के बाबत नियमों में बार-बार किए जा रहे बदलाव पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि मोदी सरकार ऐसे कनफ्यूज्ड ट्रैफिक सिग्नल की तरह बर्ताव कर रही है, जिसमें एक ही समय में अलग-अलग रंगों की बत्तियां जलती हैं।
नोट बंदी लागू होने के बाद विभिन्न हिस्सों में काले धन को सफेद करने में बैंकों व बैंककर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। यूं कहा जाए कि पीएम नरेंद्र मोदी के इस कदम के बाद देश के बैंकिंग ढांचे की कलई खुल गई है। तीन वर्ष पहले एक वेबसाइट की तरफ से निजी व सरकारी बैंकों में काले धन को सफेद करने के गोरखधंधे का जो खुलासा हुआ था वह बदस्तूर जारी है। इस बीच आरबीआइ ने नियमों में कड़ाई बरती है। बैंकों पर जुर्माना लगाया लेकिन इन्हें नजर अंदाज करने वालों पर कोई लगाम नहीं लग पाया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को 30 दिसंबर तक एक बैंक खाते में 500 और 1,000 के पुराने या बंद नोटाें में 5,000 रुपये से अधिक की राशि जमा कराने पर कड़े अंकुश लगा दिए। अब 30 दिसंबर तक एक बैंक खाते में पुराने नोटाें में सिर्फ एक बार ही 5,000 रुपये से अधिक की राशि जमा कराई जा सकेगी। इसके लिए जमाकर्ता को बैंक अधिकारियाें को अभी तक पैसा जमा न कराने की वजह बतानी होगी।
बाजार की उम्मीदों के विपरीत भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को नीतिगत दरों में कोई कमी नहीं की और उन्हें जस का तस बनाए रखा। बाजार विश्लेषकों ने कहा था कि रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति अपनी दो दिन की बैठक में अपनी फौरी ब्याज दर रेपो में कम से कम 0.25 प्रतिशत की कमी कर सकती है ताकि आर्थिक वृद्धि को बढावा दिया जा सके।
मौद्रिक नीति पर विचार के लिए छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक कल शुरू होगी। नोटबंदी के प्रभाव को कम करने के लिए नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की व्यापक उम्मीद के बीच यह बैठक हो रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल नोटबंदी की वजह से प्रभावित बैंकों को राहत के लिए बुधवार को मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की और कटौती कर सकते हैं। ज्यादातर बैंकरों ने यह राय व्यक्त की है।