भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक ओर जहां रेपो रेट में कोई बदलाव न करके 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है, वहीं रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया है। आरबीआई ने सीआरआर में भी कोई बदलाव न करके 4 फीसदी पर ही स्थिर रखा है।
सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और डिप्टी गवर्नर की सैलरी में करीब तिगुना बढ़ोत्तरी की है। अब आरबीआई के गवर्नर की बेसिक सैलरी 2.50 लाख रुपये हो गई है, वहीं डिप्टी गवर्नर को 2.25 लाख रुपये मिलेंगे। इन्हें बढ़ी हुई सैलरी एक जनवरी 2016 से मिलेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकृत दफ्तरों के बाहर पुराने 500 और 1,000 का नोट बदलने के लिए लोगों की लंबी कतारें और लोगों में अफरातफरी दिख रही है। नोटबंदी की अवधि के दौरान देश से बाहर गए निवासियों को पुराने नोट बदलने की यह सुविधा शुक्रवार को बंद हो रही है।
रिजर्व बैंक ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि आखिर भारतीयों को 31 मार्च 2017 तक नोट बदलने की अनुमति क्यों नहीं दी गयी। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के दौरान लोगों को 31 मार्च तक नोट बदलने की अनुमति देने का आश्वासन दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 500-1000 रुपये के पुराने नोट न लेने मामले में नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और आरबीआई से दो सप्ताेह के भीतर इस पर जवाब देने के लिए कहा है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी।
अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के बीच सोने में गिरावट जारी रही। दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 250 रुपये टूटकर करीब दो महीने के निचले स्तर 28,650 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया।
भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद महंगाई बढ़ने की आशंका जताते हुए डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाए जाने की आवश्यकता पर आज बल दिया। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कहा है कि अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी का जो अस्थायी प्रतिकूल असर था वह काफी हद तक कमजोर पड़ चुका है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सूचना के अधिकार :आरटीआई: के तहत दायर अर्जी के जवाब में कहा है कि उसके पास इस बात की जानकारी उपलब्ध नहीं है कि गत आठ नवंबर से 30 दिसंबर तक देश के कुल कितने बैंक खातों में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा की रकम 500 और 1000 रुपये के बंद नोटों के रूप में जमा हुई।
रिजर्व बैंक ने मुद्रस्फीति का जोखिम बढ़ने का खतरा देखते हुए लगातार दूसरी बार द्वैमासिक समीक्षा में अपनी मुख्य नीतिगत ब्याज दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.25 प्रतिशत पर यथावत रखा।