सन 2008 में हुए मालेगांव धमाकों में आरोप झेल रही साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जमानत खारिज हो गई है। इसी के साथ उनके जेल से बाहर आने की उम्मीद पर आशंका के बाद घिर गए हैं।
जिंदगी के तमाम उतार-चढ़ाव के बीच इंसान कई बार आत्म मूल्यांकन के दौर से गुजरता है। इस मूल्यांकन में ‘आत्म’ के साथ जीवन की अनेक परिस्थितियों, घटनाओं के साथ चलती कई जिंदगियों और उनसे जुड़े मनुष्यों की परख भी होती है। इस पूरी प्रक्रिया में अतीत से वर्तमान और वर्तमान से अतीत के रास्ते की आवाजाही शामिल होती है। आवाजाही का यह सिलसिला बदले हुए समय के अनेक परिवर्तनों का आधार बनता है।
स्थापित प्रक्रिया से अलग हटते हुए सरकार ने उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम की एक सिफारिश को उसे दोबारा वापस भेज दिया है। भारत के प्रधान न्यायाधीश टी. एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाला कॉलेजियम दोनों बार सरकार की आपत्तियों को नामंजूर करते हुए पटना उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त करने की अपनी सिफारिश पर कायम है।
भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर ने कहा है कि न्यायपालिका तभी हस्तक्षेप करती है जब कार्यपालिका अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को निभाने में विफल हो जाती है।
मालेगांव बम धमाके मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जमानत पर 6 जून को सुनवाई होगी। साध्वी प्रज्ञा के वकील ने सोमवार को मुंबई की एक कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने जून में सुनवाई की तारीख तय की।
देश के मुख्य न्यायधीश टीएस ठाकुर ने न्यायालयों में लंबित पड़े तीन करोड़ से ज्यादा केसों को निपटाने के लिए 40,000 जजों की जरूरत बताई थी। ठाकुर के इस कथन से मोदी सरकार ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया है कि उनके इस बयान के पीछे कोई वैज्ञानिक शोध या आंकड़ा नहीं है।
रविवार को बीसीसीआई की आम बैठक में सचिव अनुराग ठाकुर को अध्यक्ष चुन लिया गया। महज 41 साल में दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड की कमान संभालने के बाद अनुराग ठाकुर के सामने सबसे बड़ी चुनौती सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जस्टिस आर. एम. लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करना होगा। समिति ने बीसीसीआई में क्रांतिकारी सुधारों की सिफारिश की है।
मालेगांव विस्फोट मामले में क्रूर प्रताड़ना के बाद आखिरकार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को क्लीन चिट मिल गई है। मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत में दायर होने वाली चार्जशीट में साध्वी का नाम नहीं दिया है। इससे उनके जल्द जेल से रिहा होने की उम्मीद है।
उच्चतम न्यायालय ने सिख समुदाय पर चुटकुलों के प्रसार पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की याचिका समेत संबंधित याचिकाओं पर 5 अप्रैल को सुनवाई करने पर गुरुवार को सहमति जताई और कहा कि यदि लोग इस चुटकुलों का वाणिज्यिक इस्तेमाल कर रहे हैं तो वह कार्रवाई कर सकता है।