यूएस ओपन के पूर्व उपविजेता और दो बार के ओलंपियन रोहन बोपन्ना को न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन से पांच फरवरी के बीच होने वाले मुकाबले के लिये भारतीय डेविस कप टीम से बाहर कर दिया गया है।
खचाखच भरे मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पर चारों ओर से आते इंडिया इंडिया के शोर के बीच भारत ने आज बेहतरीन हाकी का नमूना पेश करते हुए बेल्जियम को 2-1 से हराकर जूनियर हाकी विश्व कप अपने नाम करने के साथ इतिहास पुस्तिका में नाम दर्ज करा लिया।
जीत के अश्वमेधी रथ पर सवार भारतीय टीम पंद्रह बरस बाद जूनियर हाकी विश्व कप फाइनल में कल बेल्जियम के खिलाफ उतरेगी तो खिलाड़ी अपनी आक्रामकता और जुझारूपन को बरकरार रखते हुए देशवासियों को अर्से बाद हाकी के मैदान पर खिताब तोहफे में देने के इरादे से उतरेंगे।
खिताब के प्रबल दावेदार भारत ने आज पूल डी के अपने अंतिम मैच में दक्षिण अफ्रीका को 2-1 से हराकर अपना विजय अभियान जारी रखा और बड़ी शान के साथ पुरूष जूनियर हाकी विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में कदम रखा।
अपनी सरजमीं पर खेल रही भारतीय हाकी टीम कल कनाडा के खिलाफ 11वें एफआईएच जूनियर विश्व कप में अपने अभियान का आगाज करेगी तो उसका इरादा पंद्रह साल से खिताब नहीं जीत पाने का सिलसिला तोड़ना होगा।
आनंद अमृतराज के समर्थन में बोलते हुए भारत के शीर्ष टेनिस खिलाड़ी सोमदेव देववर्मन ने कहा कि सहयोगी स्टाफ के बदलने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि डेविस कप कप्तान ने परिणाम दिये हैं और अनुशासहीनता के मुद्दे को उचित तरीके से निपटाया है।
भारत को पंद्रह बरस पहले एकमात्र जूनियर हाकी विश्व कप दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले अनुभवी फारवर्ड दीपक ठाकुर का मानना है कि भारतीय हाकी का अस्तित्व बचाने के लिये वह टूर्नामेंट एक जंग की तरह था और सुविधाओं के अभाव में भी हर खिलाड़ी के निजी हुनर के दम पर टीम ने नामुमकिन को मुमकिन कर डाला।
आलोचना का शिकार डेविस कप कप्तान आनंद अमृतराज को भारतीय टेनिस खिलाडि़यों का समर्थन मिला है जिन्होंने अखिल भारतीय टेनिस महासंघ (एआईटीए) की प्रबंधन समिति को पत्र लिखकर कहा है कि वे सहायक स्टाफ में किसी भी बदलाव का कड़ा विरोध करते हैं।
भारतीय महिला क्रिकेटरों ने आज बैंकाक में एशिया कप में अपना दबदबा जारी रखते हुए चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को पराजित कर छठे चरण में छठा खिताब अपनी झोली में डाला।
टीपू सुल्तान की जयंती को लेकर एक बार फिर कर्नाटक में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार और विपक्षी दल भाजपा में तलवारें खिंच गई हैं। आरएसएस भी भाजपा के पक्ष में मैदान में आ गया है। इन दोनों ने सरकार से कहा है कि अगर सरकार टीपू सुल्तान की जयंती मनाने के फैसले पर कायम रहती है तो भाजपा इसके खिलाफ बेंगलुरु में राज्य व्यापी रैली करेगी। उधर कांग्रेस का कहना है कि पिछले साल भी उसने टीपू सुल्तान की जयंती मनाई थी और इस साल भी वह इस परंपरा को जारी रखेगी।