एक गरिमामय समारोह में डॉ. सुनीता जैन को उनकी कृति क्षमा के लिए 25वां व्यास सम्मान प्रदान किया गया। डॉ. जैन ने क्षमा के माध्यम से तुलसीदास-रत्नावली के संबंधों का मार्मिक वर्णन किया है।
यकीन ही नहीं होता कि विलियम शेक्सपियर को गुजरे 400 साल हो चुके हैं। आज भी यह अंग्रेजी का महान साहित्कार लोगों के बीच उतना ही लोकप्रिय है। उनकी 400वीं पुण्यतिथि पर लोकप्रिय सर्च इंजन गूगल ने उनकी याद में समर्पित एक डूडल बनाया है।
संगीत सरहदें नहीं जानती, जाति, धर्म और बंटवारा नहीं मानती। पत्तों-पत्तों, हवाओं के रेशों-रेशों, बादलों के रुनझुन सी बूंदों में, हर रंगों की झलकियों में प्रतिपल ध्वनियां प्रवाहित होती हैं।