बजट के बारे में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ने खर्चों में कटौती करते हुए बिना किसी नए कर के अपने वादे पूरे करने के लिए ज़रूरी धन का प्रबंधन किया है।
यूपी की योगी सरकार ने अपने सालाना बजट में किसानों की कर्जमाफी का खास ख्याल रखा है। इसके लिए 36 हजार करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। तीन लाख 84 हजार करोड़ रुपये के बजट में गरीबी खत्म करने को प्राथमिकता में शामिल किया गया है। इस बार का बजट पिछले साल के मुकाबले 11 फीसदी ज्यादा है।
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संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में विभिन्न मसलों पर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस जारी है। संसद के इस सत्र के काफी हंगामेदार होने की उम्मीद है। विपक्ष जहां नोटबंदी से लेकर बजट के अन्य प्रस्तावों पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं वहीं सरकार कई विधेयकों को लेकर आगे बढ़ने की रणनीति पर काम करेगी।
राजनीतिक दलों पर बेनामी नकद चंदे की सीमा 20,000 रुपये से घटा कर 2,000 तक सीमित करने के बाद सरकार ऐसा कानूनी संशोधन करने जा रही है जिसके तहत उन्हें हर साल दिसंबर तक आय का विवरण विभाग में दाखिल करना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने उन्हें मिली कर छूट खत्म हो जाएगी।
केंद्रीय बजट में कृषि एवं किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करने का उल्लेख करते हुए कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इस बार के बजट से यह बात एक बार फिर स्पष्ट हो गयी कि मोदी सरकार गांव, गरीब और किसानों के लिए काम कर रही है और कृषि विकास दर बढ़कर 4.1 प्रतिशत होने का अनुमान और पांच वर्षों में किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इस बजट में कोई स्पष्ट दृष्टि नहीं है और किसानों, युवाओं एवं नौकरियां पैदा करने के बारे में कुछ नहीं है।
केंद्रीय बजट में विदेश मंत्रालय को 14,798 करोड़ रूपया दिया गया जो पिछले साल की तुलना में महज 135 करोड़ रूपये का इजाफा है। वहीं, अफगानिस्तान में परियोजनाओं के लिए भारी कटौती करते हुए बजटीय आवंटन 520 करोड़ रूपया से घटाकर 350 करोड़ रूपया कर दिया गया।