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Search Result : "Urdu writer Manto"

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

मिसरा बेशक यह साहिर लुधियानवी के गीत का है लेकिन अफसानानिगार सआदत हसन मंटो पर सटीक बैठता है। ताउम्र ढोंग, तमाशे और साहित्य की राजनीति से दूर रहने वाले मंटो ने कहा था- ‘ हर शहर में बदरौएं और मोरियां मौजूद हैं जो शहर की गंदगी को बाहर ले जाती हैं। हम अगर अपने मरमरी गुसलखानों की बात कर सकते हैं, अगर हम साबुन और लैवेंडर का जिक्रकर सकते हैं तो उन मोरियों और बदरौओं का जिक्र क्यों नहीं कर सकते जो हमारे बदन की मैल पीती हैं।‘ मंटो की 100वीं जन्मशताब्दी से लेकर आज तक उनके नाम पर उनके तथाकथित मुरीदों ने राजनीति, तमाशा और ढोंग ही किया है। मंटो के इन मुरीदों को वह सब चाहिए जो मंटो को नहीं चाहिए था। मंटो के माएने तो यह दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है।
आयरलैंड से भारत यात्रा साइकिल पर

आयरलैंड से भारत यात्रा साइकिल पर

रोमांचपसंद डेवरेला मर्फी ने सन 1965 में साइकिल पर आयरलैंड से भारत की यात्रा की थी। इसी यात्रा के अनुभव को उन्होंने अपनी पुस्तक ‘फुल टिल्ट’ में लिखा है।
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