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‘तीन’ तिलंगों की समीक्षा

‘तीन’ तिलंगों की समीक्षा

सुजय घोष की फिल्म ‘कहानी’ ने हिंदी थ्रिलर को नया रूप दिया था। कहानी बहुत ‘पेस’ के साथ चलती है। तीन के निर्माता के तौर पर सुजाय रिभू दासगुप्ता को बताना भूल गए होंगे कि वह उनकी छाया से बाहर जाकर भी फिल्म बना सकते हैं।
फिल्‍म समीक्षा: अधूरी नहीं, एक कहानी पूरी सी

फिल्‍म समीक्षा: अधूरी नहीं, एक कहानी पूरी सी

यह तो तय है कि फिल्मकार पुरानी जड़ों की ओर लौट रहे हैं। 60-70 के दशक की ‘परंपराएं’ और ‘संस्कार’ उन्हें लुभा रहे हैं। हमारी अधूरी कहानी इस बात के प्रमाण देती है। एक प्रेम कहानी को फिल्माने के हजारों तरीके होते हैं। फिर भी यह तरीके तयशुदा ही है। दो नायक एक नायिका वाला यह त्रिकोण भी ऐसा ही है।
शादी के बाद की असफलता ने विद्या को डराया

शादी के बाद की असफलता ने विद्या को डराया

बॉक्स ऑफिस पर अपनी अंतिम तीन फिल्में घनचक्कर, शादी के साइड-इफेक्ट्स, बॉबी जासूस का जादू नहीं चल पाने पर फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन ने कहा है कि उनके दिमाग में एक बार यह ख्याल भी आया था कि कहीं शादी करने का असर उनके कैरियर पर तो नहीं पड़ रहा है।
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