यूपी में आगामी निकाय चुनाव बैलट पेपर किए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके तहत यूपी चुनाव आयोग ने गुरुवार को बैलट पेपर के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है। चुनाव में वोटिंग के लिए ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर कुछ राजनीतिक दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों के बाद यूपी निर्वाचन आयोग का यह कदम अहम माना जा रहा है।
श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र के 38 मतदान केंद्रों पर गुरुवार को हो रहे पुनर्मतदान के दौरान सिर्फ 2 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस प्रतिष्ठित सीट पर रविवार को हुये चुनाव के दौरान हुई हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने 38 मतदान केंद्रों पर फिर से मतदान के आदेश दिये थे।चुनाव का परिणाम 15 अप्रैल को घोषित किया जाएगा।
चुनावों में मतपत्रों के इस्तेमाल के लिए कानून में बदलाव करने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन चुनाव आयोग का मानना है कि चुनाव कराने के लिए ईवीएम ज्यादा विश्वसनीय और सुरक्षित तरीका है।
भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की सूचक बनी उत्कृष्ट भारतीय खोज इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन :ईवीएम: की विश्वसनीयता पर हाल ही में आये चुनावी नतीजों के बाद सवाल उठाये जा रहे हैं।
यूपी चुनावों में भाजपा की जीत के बाद ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद अब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भी अपना पक्ष रखा है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी माह में होने वाले एमसीडी चुनावों को बैलेट पेपर द्वारा कराने की बात कही है।
उत्तर प्रदेश में सत्रहवीं विधानसभा के लिए सातवें और अंतिम चरण में सात जिलों की 40 सीटों पर बुधवार शाम मतदान समाप्त हो गया। इस चरण में कुल 535 प्रत्याशी मैदान में थे। इस दौरान 60 फीसद से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में नेपाल से लगे तराई और पूर्वी अंचल के 11 जिलों की 51 विधानसभा सीटों के लिये सोमवार को 57. 36 प्रतिशत मतदान हुआ।
उत्तराखंड की 69 विधानसभा सीटों पर बुधवार को 68 फीसदी से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया। मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग करके 628 प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद कर दिया।