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बांग्लादेश में होगा मोदी-ममता का भव्य स्वागत

बांग्लादेश में होगा मोदी-ममता का भव्य स्वागत

बांग्लादेश की पहली यात्रा पर शनिवार को ढाका पहुंच रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भव्य स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं और दोनों देशों को इस यात्रा से दि्वपक्षीय संबंधों के नई ऊंचाइयों तक पहुंचने तथा आर्थिक एवं व्यापार संबंधों की संभावनाओं के पर्याप्त दोहन की उम्मीद है।
सुरक्षा परिषद में सदस्यता के दावे का समर्थन करे चीन: मोदी

सुरक्षा परिषद में सदस्यता के दावे का समर्थन करे चीन: मोदी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में सदस्यता के लिए भारत के दावे के समर्थन को लेकर चीन पर दबाव बनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसे कदम से दि्वपक्षीय संबंध नए स्तर पर पहुंचेंगे तथा एशिया को अधिक मजबूती मिलेगी।
वाशिंगटन में ड्रोन प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित

वाशिंगटन में ड्रोन प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित

एक तरफ दुनिया भर के देशों में अमेरिकी एजेंसियां और कंपनियां ड्रोन के जरिए सर्विलांस को बढ़ावा दे रही हैं। वहीं अमेरिका ने राजधानी वाशिंगटन के व्हाइट हाउस, कैपिटल हिल एवं पेंटागन जैसी कुछ सरकारी इमारतों को ड्रोन प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है। इसका उल्लंघन करने वाले को भारी जुर्माना और आपराधिक दंड सहना पड़ सकता है। अमेरिका को देखकर दुनिया के बाकी देशों में भी ड्रोन पर प्रतिबंध का सिलसिला जोर पकड़ सकता है।
चीन के साथ 24 समझौतों पर हस्ताक्षर, विवादों पर व्‍यापार भारी

चीन के साथ 24 समझौतों पर हस्ताक्षर, विवादों पर व्‍यापार भारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 10 बिलियन डॉलर यानी करीब 63 हजार करोड़ रुपये के 24 समझौते हुए हैं। इनमें रेल, खनन, पर्यटन, अंतरिक्ष अनुसंधान और व्‍यावसायिक शिक्षा से जुड़े समझौते शामिल हैं। चीन भारतीय शहर चेन्नई में अपना वाणिज्‍य दूतावास खोलेगा जबकि भारत चीन के शहर शेंग्दू में वाणिज्य दूतावास खोलने पर सहमत हुआ है।
चीन से संबंधों में लगाएं रेशमी गांठ

चीन से संबंधों में लगाएं रेशमी गांठ

भारत में कभी भी किसी प्रधानमंत्री ने अपनी पहली पारी में ही इतने कम समय में इतने अधिक देशों का दौरा नहीं किया जितना नरेंद्र मोदी ने पिछली मई से अब तक एक साल के वक्त में किया है। पूरी दुनिया के अपने दौरों में मोदी ने सभी बड़े नेताओं के सामने भारत को निवेश के लिहाज से आकर्षक जगह के रूप में पेश किया मगर इन सभी नेताओं से बातचीत में एक विषय जरूर उठा और वह ये कि हठधर्मी चीन से कैसे निपटा जाए।
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