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डीयू छात्र संघ चुनाव के बाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी में भी एबीवीपी को झटका, सभी पदों पर हारी

डीयू छात्र संघ चुनाव के बाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी में भी एबीवीपी को झटका, सभी पदों पर हारी

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में दो अहम पदों पर हार के बाद अब हैदराबाद केंद्रीय यूनिवर्सिटी...
नीट के खिलाफ आवाज उठाने वाली अनिता ने की खुदकुशी, चेन्नई में एसएफआई ने किया प्रदर्शन

नीट के खिलाफ आवाज उठाने वाली अनिता ने की खुदकुशी, चेन्नई में एसएफआई ने किया प्रदर्शन

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पीएमके नेता अंबुमणि रामदास ने इस आत्महत्या के लिए केंद्र और राज्य सरकार को दोषी ठहराया है।
साझा विरासत के बहाने विपक्षी दलों ने कराया ताकत का अहसास

साझा विरासत के बहाने विपक्षी दलों ने कराया ताकत का अहसास

जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की ओर से आयोजित ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर अपनी ताकत का अहसास कराया। सम्मेलन में जुटे विपक्षी नेताओं ने गुजरात विधानसभा तथा देश के अगले आम चुनाव के लिए विघटनकारी ताकतों को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाने पर जोर दिया। सम्मेलन में विपक्षी दलों के नेता जिस तरह से जुटे उसे सियासी हलकों में अहम माना जा रहा है।
अल-जजीरा के येरूशलम ब्यूरो को बंद कर सकता है इजरायल, चैनल ने की निंदा

अल-जजीरा के येरूशलम ब्यूरो को बंद कर सकता है इजरायल, चैनल ने की निंदा

सउदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन जैसे गल्फ देशों ने इसी साल कतर के साथ अपने संबंध समाप्त कर लिए। इन देशों का आरोप है कि कतर इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा जैसे संगठनों का समर्थन करता है।
कोविंद के जरिए भाजपा ने खेला ऐसा कार्ड, मायावती भी विरोध नहीं कर पाईं

कोविंद के जरिए भाजपा ने खेला ऐसा कार्ड, मायावती भी विरोध नहीं कर पाईं

राष्ट्रपति चुनाव में दलित समाज से जुड़े बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को आगे कर भाजपा ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कोविंद की उम्मीदवारी के मुद्देे पर विपक्ष भी उलझन में पड़ा सकता है। यहां तक कि बसपा प्रमुख मायावती भी सीधे तौर पर उनका विरोध नहीं कर पा रही हैं।
देशभर के 130 किसान संगठन आंदोलन की राह पर, सरकार की बढ़ेंगी मुश्किलें

देशभर के 130 किसान संगठन आंदोलन की राह पर, सरकार की बढ़ेंगी मुश्किलें

सभी किसानों की कर्जा माफी और फसल का न्यूनतम समर्थम मूल्य (एसएमपी) के मुद्दों पर देशभर के किसानों में अलख जगाने के लिए मध्यप्रदेश के मंदसौर से छह जुलाई को जनजागृति यात्रा निकाली जाएगी और यह यात्रा दो अक्तूबर को महात्मा गांधी के किसान आंदोलन की सौवीं वर्षगांठ पर बिहार के चंपारण में समाप्त होगी। यह फैसला शुक्रवार को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में जुटे करीब 130 किसान संगठनों ने सर्वसम्मति से लिया। इस यात्रा को अंजाम देने के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का गठन किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में किसानों के संगठन का एकसाथ जुटना किसान एकता की दिशा में एतिहासिक कदम माना जा रहा है। समजा जाता है कि किसानों की इस तरह एकजुटता लंबे अर्से बाद दिखाई दी है।
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