पुरवाई की मार और आंधी के कहर की वजह से इस बार फलों के राजा आम की पैदावार में 65 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आने की आशंका है। लिहाजा इस दफा आम बेहद खास होने जा रहा है और इसका जायका लेने के लिये जेब काफी ढीली करनी पड़ सकती है। मौसमी हालात से बेजार आम उत्पादकों ने सरकार से खुद को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में लाने की मांग की है।
शहर के कुछ विशेष रूप से सक्षम लोग अड़चनों को पार करके हाथी के मल से पारिस्थितिकी के लिहाज से अनुकूल कागज बनाकर कमाई कर रहे हैं और इस कागज की अच्छी मांग है खासतौर पर विदेशी पर्यटकों के बीच।