पिछले कुछ समय से सरकार जाने-अनजाने जिस तरह नए नियम-कायदे और प्रक्रियाओं का दायरा बढ़ा रही है, नई-नई बंदिशें लगा रही है, वह उदारीकरण के दौर से यू-टर्न जैसा दिखता है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शनिवार को कहा कि भारत में पहली बार आर्थिक सुधारों को व्यापक जन समर्थन प्राप्त हुआ है। हाल के चुनाव नतीजे इसका संकेत देते हैं।
चीन ने पीओके से होकर गुजरने वाले रणनीतिक चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे :सीपीईसी: को लेकर अपना बचाव करते हुए कहा कि इसका कश्मीर मामले से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है क्योंकि यह एक आर्थिक उपक्रम है। भारत ने सीपीईसी को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
सरकार ने विदेशों में जमा कालेधन समेत कर चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को सतत प्रक्रिया बताया है लेकिन 500 रूपये और 1000 रूपये के पुराने नोटों को अमान्य करने के निर्णय एवं बैठकों से जुड़ा ब्यौरा यह कहते हुए देने से इंकार किया है कि ऐसी सूचना जारी करने का देश के आर्थिक हितों पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा है कि मणिपुर में आर्थिक नाकेबंदी कांग्रेस का खेल है और वह इसे सुलझाने के लिए गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि राजमार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भेजे गए केंद्रीय बलों को मुख्यमंत्री बैरकों में ही रखे हुए हैं।
उच्चतम न्यायालय के लोढ़ा समिति के सुधारों को लागू करने के आदेश के बाद राष्ट्रीय चयन पैनल में चयनकर्ताओं की संख्या कम होना तय है और ऐसे में गगन खोड़ा और जतिन परांजपे को अपने पद छोड़ने होंगे क्योंकि वे तय शर्तों को पूरा नहीं करते।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने और सुधारों को आगे बढ़ाने का संकेत देते हुये आज कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रहित में कठिन फैसले लेने से नहीं हिचकिचायेगी, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नोटबंदी कुछ समय की परेशानी है।
सरकार देश के ढांचागत क्षेत्र के विकास के लिये जरूरी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में वर्ष 2016 में किये गये सुधारों के आधार पर एफडीआई प्रवाह अगले साल भी बेहतर रहने की उम्मीद कर रही है। इस वर्ष जनवरी से सितंबर के दौरान एफडीआई प्रवाह 21 प्रतिशत बढ़कर 32.18 अरब डालर रहा।
बड़े नोटों को अमान्य करने के निर्णय को गरीबोन्मुखी और कालाधन के खिलाफ जंग करार देते हुए वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि इस निर्णय से देश में आर्थिक गतिविधियों का दायरा बढ़ेगा और आने वाले समय में जीडीपी वृद्धि दर 2 प्रतिशत बढ़कर 10 प्रतिशत के स्तर तक पहुंचेगी।